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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि लोन सेटलमेंट या लोन चुकाने के बाद 30 दिनों के अंदर किसी भी तरह की संपत्ति के ओरिजनल डॉक्यूमेंट पेपर उधार लेने वाले को लौटाना होगा. ऐसा ना करने पर 30 दिनों के बाद हर्जाने के रूप में वित्तीय संस्थानों को उधार लेने वाले को 5000 रुपये प्रति दिन देना होगा जब तक की दस्तावेत न लौटा दिए जाए.
आरबीआई ने सभी विनियमित संस्थाएं (रेगुलेटेड एंटीटीज) को निर्देश जारी किया है. ये हैं
बैंक (Bank)
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFCs)
हाउसिंग फाइनेंस कंपनी
स्मॉल फाइनेंस बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
कोऑपरेटिव बैंक
निर्देश: किसी भी तरह की संपत्ति (चल/अचल संपत्ति) के ओरिजनल दस्तावेज उधार लेने वाले को उसके लोन चुकता करने के बाद 30 दिनों के अंदर लौटेने होंगे. रिजर्व बैंक ने कहा कि, उधार लेने वाले अपने दस्तावेज अपने बैंक की होम ब्रांच या बैंक के किसी भी ऑफिस से वापस ले सकते हैं.
साथ ही लोन जारी करते वक्त ये बताना होगा की प्रॉपर्टी के ओरिजनल दस्तावेज कब और कहां वापस किए जाएंगे.
आरबीआई ने कहा कि, ऐसा देखा गया है कि संपत्ति के ओरिजनल दस्तावेज लौटाने को लेकर वित्तीय संस्थानों की अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं. ऐसे में उधार लेने वालों की तरफ से कई बार शिकायतें आईं हैं, कई बार विवाद भी हुए हैं. इसलिए आरबीआई ने ये निर्देश जारी किया है.
आरबीआई के अनुसार हर तरह के पर्सनल लोन के लिए ये निर्देश जारी हुआ है. इसमें कई लोन शामिल हैं जैसे:
उपभोक्ता कर्ज
एजुकेशन लोन
हाउस लोन
शेयर और डिबेंचर जैसी वित्तीय संपत्तियों में निवेश के लिए दिए गए कर्ज
अगर वित्तीय संस्थाएं संपत्ति की ओरिजनल डॉक्यूमेंट को लोन चुकता करने के 30 दिनों के अंदर लौटाने से चूक जाती है तो उन्हें उधार लेने वाले को देरी का कारण बताना होगा.
अगर उधार लेने वालों की संपत्ति के कागजात को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचता है या वे गुम हो जाते हैं तो वित्तीय संस्थान को ही पीड़ित की कागजात बनवाने में मदद करनी होगी. साथ ही इसमें लगने वाला खर्च भी देना होगा, जिसके लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा. साथ ही इसके 30 दिनों बाद यानी कुल 60 दिनों बाद दस्तावेज न लौटा पाए तो उन्हें हर दिन के हिसाब से 5000 रुपये का हर्जाना देना होगा जैसा कि नियम तय किया गया है.
आरबीआई ने कहा कि ये निर्देश 1 दिसंबर, 2023 से लागू हो जाएगा.
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