नोएडा (Noida) में एक शख्स के बैंक लॉकर (Bank Locker) से लगभग 30 लाख रुपये के गोल्ड (Gold) और डायमंड (Diamond) गायब हो गए. बैंक HDFC है. पुलिस शिकायत के बाद जांच जारी है. बैंक लॉकर से गोल्ड-डायमंड गुम होने की ये कोई पहली खबर नहीं है.
इस वीडियो में हम आपको बता रहे हैं कि, बैंक लॉकर को लेकर RBI ने नए नियम क्या है, जो ग्राहकों के हित में हैं. क्योंकि ऐसी चीजें गुम या चोरी होने पर बैंक को ही नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी.
बैंक लॉकर का सबसे बड़ा यही फायदा है कि आपके जरूरी कागजातों या गहनों को सेफ्टी मिलती है, आपके कीमती सामान की सुरक्षा होती है. नुकसान होने पर मुआवजा मिलता है, वहीं अलग-अलग बैंक लॉकर के अपने अलग फायदे भी होते हैं.
बैंक लॉकर लेने के लिए आपको बैंक को एक आवेदन देना होता है. अगर आप ऐसी बैंक में लॉकर लेना चाहते हैं जहां आपका खाता नहीं है तो वहां भी आप लॉकर की फैसिलिटी ले सकते हैं. अगर बैंक के पास लॉकर उपलब्ध नहीं है, तो बैंक आपका नाम वेटिंग लिस्ट में डाल देगा और जैसे ही लॉकर उपलब्ध होगा आपको सूचना मिल जाएगी.
लॉकर के चार्जेज की बात करें तो ये बैंक टू बैंक वैरी करता है, स्टार्टिंग रेंट 1000 भी हो सकता है और यह 20 हजार या उससे ऊपर भी हो सकता है. ये सालाना रेंट होता है जो लॉकर के साइज और बैंक पर निर्भर करता है.
अब नियम क्या हैं ये जान लीजिए
सबसे पहले मुआवजे की बात करते हैं. अगर बैंक की लापरवाही, लॉकर के सामान की चोरी, आग लगना या किसी तरह का नुकसान होने पर बैंक को लॉकर के रेंट का 100 गुना मुआवजे के रूप में ग्राहक को देना पड़ेगा. यानी अगर आपके लॉकर का रेंट 2 हजार है तो मुआवजा बनेगा 2 लाख रुपये.
रेंट का 100 गुना मुआवजा, सुन कर काफी बड़ा लग रहा है, लेकिन अधिकतर केसेस में रेंट का 100 गुना, लॉकर में रखे सामान से कम होता है. अगर ऐसा है तो दो ऑप्शन है-
एक, या तो आप लॉकर की जगह गहनों का सीधे बीमा करवा लें या कुछ बैंक्स होते हैं जो बैंक लॉकर का भी बीमा करते हैं...ऐसा करने पर आप कम नुकसान में रहेंगे.
एक्ट ऑफ गॉड यानी कोई प्रकृतिक आपदा जैसे भूकंप, बाढ़ आ जाए तब बैंक मुआवजा नहीं देगा, लेकिन बैंकों को लॉकर को सुरक्षित रखने का पुख्ता इंतजाम करना होगा.
लॉकर रूम सीसीटीवी से लैस होना चाहिए, सीसीटीवी की फूटेज 180 दिन तक डीलीट नहीं कर सकते.
एंट्री और एग्जिट डोर भी एक ही होना चाहिए.
बैंक टर्म डिपॉजिट लेने का आधिकार रखता है, यानी तीन साल का एडवांस डिपॉजिट ले सकता है. ताकी कोई 3 साल तक रेंट ना चुकाए तो बैंक टर्म डिपॉजिट जब्त कर सकता है. साथ ही लॉकर भी ओपन कर सकता है. लेकिन इसके लिए बैंक को अपने ग्राहक को नोटिस, मैसेज, ईमेल करना होगा, यहां तक की अखबार में पब्लिक नोटिस भी निकालना होगा.
अगर आप लॉकर का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करते तो भी बैंक आपका लॉकर ओपन कर सकता है, इसका पीरीयड है 7 साल. इसलिए साल में एक बार अपना लॉकर जरूर यूज कर लें
लॉकर भी दो लोग मिलकर ले सकते हैं
लॉकर में रखे सामान को अगर ग्राहक कोई नुकसान पहुंचा देता हैं तब कोई मुआवजा नहीं मिलेगा
आपसे लॉकर की चाबी खो जाए तो वेरिफिकेशन प्रोसेस और कुछ चार्जेज वसूल कर आप फिर लॉकर ऑपरेट कर सकेंगे
नामिनेशन फॉर्म भरना जरूरी है, नॉमिनेशन ना होने पर आपके कानूनी उत्तराधिकारी को लॉकर का सामान सौंपा जाएगा.
आप अपने ही लॉकर में जो जी में आए वो सामान नहीं रख सकते, केवल गहने, जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे बीमा पॉलिसी, बॉन्ड के कागजात, प्रॉपर्टी के कागजात, जरूरी सर्टिफिकेट ही रखें, बंदूक/पिस्टल जैसी सामग्री नहीं रखी जा सकती.
बैंक लॉकर को लेकर कुछ टिप्स
लॉकर हमेशा ऊपर की रो वाला ही लीजिए, क्योंकि नीचे के टियर में खतरा ज्यादा रहता है
लॉकर का साइज वेरिफाय करें, कई बार होता है कि आपको केवल लगता है कि बड़े साइज का लॉकर है लेकिन वैसा होता नहीं
लॉकर में जो डॉक्यूमेंट रख रहे हैं उसे जिप लॉकर बैग में रखें ताकी सेफ्टी और बढ़ जाएगी
फिर एक लिस्ट बनाए और लिखें कि लॉकर में क्या क्या रखा है. जब भी लॉकर से कुछ निकालेंगे या उसमें रखेंगे तो लिस्ट को भी अपडेट रखें
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