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इंडियन ई-कॉमर्स मार्केट इन दिनों दिग्ग्जों की दिलचस्प लड़ाई का मैदान बना हुआ है. वॉलमार्ट के अधिग्रहण से मजबूत हुई फिल्पकार्ट और अमेजन के बीच घमासान तेज है.लेकिन इस मार्केट का एक और बड़ा खिलाड़ी अलीबाबा चुपचाप तमाशा नहीं देख रहा है.
चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड इंडियन मार्केट में लगातार बड़ा दांव खेल रही है. करिश्माई जैक मा की इस कंपनी ने पेटीएम में भारी निवेश के बाद अब मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के साथ हाथ मिलाने की तैयारी शुरू की है. अलीबाबा के इस दांव से भारतीय ई-कॉमर्स में बड़ी उथलपुथल देखने को मिल सकती है.
मिंट की खबर के मुताबिक अलीबाबा रिलायंस रिटेल में 5 अरब डॉलर यानी लगभग 35 हजार करोड़ रुपये लगाने जा रही है. मकसद एक ही है- अमेजन को किसी भी कीमत पर रोकना. अलीबाबा के चीफ जैक मा का अपना अंदाज है और इसके तहत वह किसी भी बाजार में अपने कंपीटिटर को पछाड़ने के लिए खुल कर सामने नहीं आते. वह स्थानीय कंपनियों के सहारे हमला बोलते हैं. भारतीय बाजार में भी उन्होंने यही स्टाइल अपनाई है. 2015 में उन्होंने पेटीएम में लगभग 4000 करोड़ रुपये के इनवेस्टमेंट किया. पेटीएम अब भारत में सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनी है.
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भारत में अलीबाबा से जुड़े एक स्त्रोत ने कहा, अमेजन को मात देना अलीबाबा का सबसे बड़ा मकसद है. वह भारत को अमेजन का उपनिवेश नहीं बनने देना चाहती.रेस्टोरेंट लिस्टिंग कंपनी Zomato और ऑनलाइन टिकटिंग स्टार्ट-अप TicketNew में इनवेस्टमेंट कर अलीबाबा ने जता दिया है कि यहां वह किस राह पर चलेगी. ई-कॉमर्स सेक्टर के एक जानकार के मुताबिक अलीबाबा यहां हर उस वेंचर में पैसा डालेगी जो अच्छा चल रही हो.
अमेजन की तरह ही वह एंटरटेनमेंट स्पेस में घुसना चाहती है. हाल में कंपनी के एग्जीक्यूटिव किरण राव और कई बॉलीवुड प्रोड्यूसरों से मिल चुके हैं. आमिर खान की पत्नी किरण राव ही दंगल की प्रोड्यूसर हैं. दंगल चीन में काफी सफल रही. पेटीएम से लेकर जोमाटो तक कंपनी 2 अरब डॉलर लगा चुकी है. और खबर है अकेले एंटरटेनमेंट सेगमेंट में 10 अरब डॉलर लगाने जा रही है.
तीसरी स्ट्रेटजी पेमेंट्स से जुड़ी है. अलीबाबा आगे चल कर PAYTM MALL को खरीद सकती है. PAYTM को Phonepe और अमेजन से मुकाबला करना है. आगे चल कर इसका वॉट्सऐप से भी मुकाबला हो सकता है.
अब अलीबाबा की निगाहें ई-रिटेल पर गई है. जहां रिलायंस अपने जियो नेटवर्क के बूते भारी-भरकम प्लान बनाए हुए बैठे है. अलीबाबा का ताओबाओ और टीमॉल दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पॉपुलर रिटेल मार्केटप्लेस है. 2016 में दोनों का कुल ट्रांजेक्शन 478.6 अरब डॉलर का था. साफ है अलीबाबा ये साइज उसे भारतीय मार्केट में काफी मदद करेगी.
अलीबाबा रिलायंस के साथ इसलिए गठजोड़ करना चाहती है क्योंकि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनिनयों को यहां इन्वेंट्री बनाने की इजाजत नहीं है. वह सिर्फ मार्केटप्लेस के तौर पर ऑपरेट कर सकती हैं. एक मार्केटप्लेस के तौर पर अलीबाबा को मार्केटप्लेस ऑपरेट का जबरदस्त अनुभव है.
देश में ई-कॉमर्स के जटिल नियमों और शर्तों की वजह से अलीबाबा इनडायरेक्ट रूट के जरिये भारत में खुद को मजबूत करना चाहती है. अलीबाबा का रिलायंस रिटेल के जरिये यहां आना देश के ई-कॉमर्स सेक्टर में बड़ा गेम चेंजर साबित होगा. भारत में अलीबाबा के इस कदम पर बाजार की निगाहें गड़ी हुई हैं.
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