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सोशल मीडिया पोस्ट पेड है तो सेलेब को करना होगा खुलासा-गाइडलाइंस

ASCI Guidelines इनफ्लुएंसरों के लिए हरेक पेड पोस्ट को लेबल देना अनिवार्य

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बिजनेस न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>इनफ्लुएंसरों के लिए  हरेक पेड&nbsp;पोस्ट को  लेबल देना अनिवार्य</p></div>
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इनफ्लुएंसरों के लिए हरेक पेड पोस्ट को लेबल देना अनिवार्य

(फोटो-अलटर्ड बाई द क्विंट)

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एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक 14 जून से सभी सोशल मीडिया इनफ्लुएंसरों के लिए अपने हरेक कमर्शियल पोस्ट को पेड कंटेंट का लेबल देना अनिवार्य हो गया है. ASCI ने यह गाइडलाइंस 27 मई को जारी की थी.शुरूआती ड्राफ्ट गाइडलाइंस को काउंसिल ने फरवरी में जारी किया था तथा सभी स्टेकहोल्डर्स - विज्ञापनदाता,एजेंसियां, इनफ्लुएंसर्स और उपभोक्ताओं से उस पर प्रतिक्रिया मांगी थी.

जारी गाइडलाइंस के मुताबिक इनफ्लुएंसर कौन है?

ASCI की गाइडलाइंस के मुताबिक "इनफ्लुएंसर वह होता है जिसके पास दर्शकों तक पहुंच होती है और अपने दर्शकों के ऊपर अथॉरिटी, ज्ञान, पोजीशन या रिलेशन के कारण इनफ्लुएंसर में उनकी खरीदारी ,किसी उत्पाद, सर्विस, ब्रांड या अनुभव को लेकर दर्शकों की राय को प्रभावित करने की शक्ति होती है."

इसके अलावा गाइडलाइंस में ASCI ने "वर्चुअल इनफ्लुएंसर" की भी परिभाषा दी है. "वर्चुअल इनफ्लुएंसर कंप्यूटर द्वारा जेनेरेट किए गए 'लोग' या 'अवतार' हैं,जिनकी विशेषताएं ,गुण,व्यक्तित्व और व्यवहार इंसानों की तरह हो और दर्शकों को प्रभावित करने की उनकी क्षमता वास्तविक इनफ्लुएंसर की तरह ही हो."

डिस्क्लोजर लेबल देना कब जरूरी है?

सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर या उनके प्रतिनिधियों द्वारा उनके अकाउंट पर प्रकाशित सभी विज्ञापनों में एक डिस्क्लोजर लेबल होना आवश्यक है जो स्पष्ट रुप से बताता हो कि यह कंटेंट एक विज्ञापन है.

गाइडलाइंस के अनुसार विज्ञापन/पेड कंटेंट के लेबल की जरूरत है या नहीं इसके लिए इन बातों का ख्याल रखना चाहिए -

  • अगर विज्ञापन देने वाले के प्रोडक्ट या सर्विस का उल्लेख करने या उसके बारे में बात करने के लिए किसी भी प्रकार का लाभ/पैसा मिला हो तो उसको डिस्क्लोजर लेबल देना आवश्यक है.

  • यह लेबल देना तब भी जरूरी है जब इनफ्लुएंसर द्वारा दी गयी राय निष्पक्ष हो या पूरी तरह से उसने खुद तैयार करके दी हो, अगर उस कंटेंट के लिए किसी भी तरह का लाभ मिला है तो उसको डिस्क्लोजर लेबल देना आवश्यक है.

अगर इनफ्लुएंसर को कोई पैसा/लाभ विज्ञापनकर्ता से नहीं मिला है और वह लोगों को किसी प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में इसलिए बता रहा है क्योंकि उसे वह पसंद आया तब उसे विज्ञापन नहीं माना जाएगा और उसके लिए किसी भी तरह के डिस्क्लोजर लेबल की जरूरत नहीं होगी.
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डिस्क्लोजर लेबल कैसा होना चाहिए?

  • डिस्क्लोजर लेबल सामने और बड़ा होना चाहिए ताकि वह आम उपभोक्ता के नजर से ना बच जाए.

  • डिस्क्लोजर लेबल अगर सिर्फ About Me, प्रोफाइल पेज,Bios,पोस्ट या वीडियो के अंत में हो या उसको देखने के लिए उपभोक्ता को 'More' पर क्लिक करना पड़े तो वह मान्य नहीं होगा.

  • डिस्क्लोजर लेबल को हैशटैग या लिंक के ग्रुप में छुपाना मान्य नहीं है.

  • इनफ्लुएंसर को अपने डिस्क्लोजर लेबल को प्लेटफार्म के डिस्क्लोजर टूल से अलग समझना चाहिए.

  • अगर विज्ञापन केवल एक पिक्चर या वीडियो पोस्ट है तो डिस्क्लोजर लेबल उस पिक्चर या वीडियो के ऊपर होना चाहिए ताकि आम उपभोक्ता को वह स्पष्ट रूप से दिख सके.

डिस्क्लोजर लेबल में क्या लिखा जाना चाहिए?

  • एडवरटाइजमेंट

  • एड

  • स्पॉन्सर्ड

  • कोलैबोरेशन

  • पार्टनरशिप

  • एंप्लॉय

  • फ्री गिफ्ट.

सोशल मीडिया इनफ्लुएंसरों को नियंत्रित करने वाले अन्य कानून

उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019

20 जुलाई 2020 को 1986 के दशकों पुराने 'उपभोक्ता संरक्षण कानून' को बदल कर नया उपभोक्ता संरक्षण कानून,2019 लाया गया. इस कानून का भाग 21 सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) को यह शक्ति देता है कि वह गलत एवं भ्रामक विज्ञापन करने वाले मैन्युफैक्चरर्स और विज्ञापनकर्ता (जिसमें इनफ्लुएंसर भी शामिल हैं) पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है. अगर गलती दोबारा किया जाए तो जुर्माने की यह राशि 50 लाख तक जा सकती है.

ड्राफ्ट CCPA गाइडलाइंस,2020

CCPA ने सितंबर 2020 में 'द ड्राफ्ट CCPA (प्रिवेंशन ऑफ मिसलिडिंग एडवरटाइजमेंट एंड नेसेसरी ड्यू डिलिजेंस फॉर एंडोर्समेंट ऑफ एडवरटाइजमेंट)गाइडलाइंस जारी किया था. यह मसौदा गाइडलाइंस लागू होने पर विज्ञापनकर्ता( इनफ्लुएंसर सहित)पर उत्पाद का विज्ञापन या समर्थन करने के पहले तथ्यों एवं दावों की जांच खुद से करने की शर्त लगायेगा. हालांकि यह गाइडलाइंस अभी मसौदे के रूप में ही है,अभी लागू नहीं हुआ है. लेकिन सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर के लिये इसे जल्द ही मानना अनिवार्य कर दिया जायेगा.

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