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संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. उन्होंने एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराने के साथ-साथ नए भारत के निर्माण पर जोर दिया. अन्य कई प्रमुख मुद्दों पर सरकार का विचार भी उन्होंने सदन के समक्ष रखा. इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 पेश किया.
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लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है. पिछले साल उठाए गए सुधार के नियमों के चलते इस वित्त वर्ष में विकास दर के 7-7.5 फीसदी तक पहुंचने के अनुमान.
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बजट सत्र के पहले दिन संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन से निकले.
इकनॉमिक सर्वे के जरिए सरकार पिछले साल की अर्थव्यवस्था की हालत जनता के सामने रखती है. सर्वे में सरकार पिछले बजट के तहत बांटे गए फंड का हिसाब-किताब पेश करती है. इसके जरिए यह बताया जाता है कि पिछले साल किस क्षेत्र को कितना बजट दिया गया और उससे कितना काम हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों को बजट सत्र को सार्थक बनाने के लिये रचनात्मक माहौल बनाने की अपील की. संसद के बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के लोकसभा और राज्यसभा के सदन के नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सभी राजनीतिक दलों की ओर से उठाये गए मुद्दों को पूरी प्राथमिकता देती है.
प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से कहा कि स्थायी समितियों में राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर और अधिक सकारात्मक भूमिका निभायें. प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से समिति आधारित संसदीय व्यवस्था विकसित करने की अपील की ताकि सहभागिता को बढ़ावा दिया जा सके.
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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद के बजट सत्र के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न दलों से सहयोग मांगा है. सुमित्रा ने विभिन्न दलों के नेताओं के लिए आयोजित रात्रि भोजन के दौरान यह अपील की.
महाजन ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि संसद का बजट सत्र सुचारू रूप से चलेगा. विभिन्न दलों के नेताओं ने सदन के सुचारू संचालन के लिए आश्वासन दिया है.'' उन्होंने कहा कि 29 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के प्रथम भाग में आठ बैठकें होंगी, जिसमें 36 घंटे में से 19 घंटे राष्ट्रपति के अभिभाषण और केंद्रीय बजट 2018-19 के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी. 9 फरवरी तक संसद चलने के बाद अवकाश हो जाएगा और फिर 5 मार्च से 16 अप्रैल तक संसद चलेगा.
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