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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 में बताया है कि, डिजिटल पेमेंट (Digital Payment Frauds) में होने वाले फर्जीवाड़ों की संख्या बढ़ी है, साथ ही 500 रुपये के फर्जी नोटों (Fake 500 Rupee Notes) की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.
वित्त वर्ष 2023 में, बैंकिंग सिस्टम में धोखाधड़ी के कुल 13,530 मामले दर्ज हुए, इसमें से लगभग 49% या 6,659 मामले डिजिटल पेमेंट से जुड़े हैं जो कार्ड/इंटरनेट के माध्यम से होते हैं.
पिछले दो साल में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले बैंकों के लोन पोर्टफोलियो में हुए हैं.
वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 के दौरान धोखाधड़ी में शामिल रकम में 49% की कमी आई है.
वित्त वर्ष 2023 में डिजिटल पेमेंट में कुल 276 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई.
प्राइवेट बैंक में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़े की सूचना दी जबकि सरकारी बैंकों में बड़ी रकम फर्जीवाड़े में शामिल थी.
वित्त वर्ष 2023 में 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या लगभग 91,110 पाई गई.
2022-23 के दौरान, बैंकिंग सेक्टर में पकड़े गए कुल नकली नोटों में से 4.6% रिजर्व बैंक में और 95.4% अन्य बैंकों में पाए गए हैं.
वहीं 100 रुपये के 78,699 नकली नोट हैं और 200 रुपये के 27,258 नकली नोट हैं.
2000 रुपये के कुल 9,806 नकली नोटों का पता चला है, हालांकि अब 2000 रुपये का नोट चलन से बाहर कर दिया गया है.
पिछले साल की तुलना में, 20 रुपये के नकली नोटों में 8.4% की बढ़ोतरी हुई है और 500 रुपये (नए डिजाइन) के नकली नोटों में 14.4% की वृद्धि हुई है.
वहीं 10 रुपये के नकली नोटों की संख्या में 11.6% की कमी आई है, 100 रुपये के नकली नोटों में 14.7% की और 2000 रुपये के नकली नोटों में 27.9% की गिरावट आई है.
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