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रियल एस्टेट (Real Estate) कंपनी सुपरटेक (Supertech) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुपरटेक समूह (Supertech Group) की रियल एस्टेट फर्म को एक और बड़ा झटका लगा है. दिल्ली-NCR में कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही सुपरटेक कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने दिवालिया घोषित कर दिया है. इस फैसले के बाद से 25 हजार से ज्यादा ग्राहकों को झटका लगा है, जिन्होंने सुपरटेक से घर खरीदा है और डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं.
रियल एस्टेट सेक्टर की बड़ी कंपनियों में शुमार सुपरटेक पर करीब 432 करोड़ का कर्ज है. कर्ज नहीं चुकाने पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने कंपनी के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसके बाद NCLT ने बैंक की याचिका स्वीकार कर इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया (Insolvency Process) का आदेश दे दिया.
NCLT ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, "वित्तीय ऋण के भुगतान में चूक हुई है." इसके साथ ही बेंच ने कहा कि वित्तीय लेनदार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ-साथ कॉरपोरेट कर्जदार सुपरटेक की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों ने पूर्व के इस दावे को 'प्रमाणित' किया है कि एक कर्ज था जिस पर बिल्डर से चूक हुई है.
NCLT ने सुपरटेक को किसी भी संपत्ति के ट्रांसफर पर भी रोक लगा दिया है. जिससे करीब 25 हजार ग्राहकों को झटका लगा है. हालांकि, सुपरटेक ने बयान जारी कर कहा है कि इस फैसले के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT ) में अपील करेगी.
इसके साथ ही सुपरटेक (Supertech) ने कहा है कि पिछले 7 सालों में हमारे पास 40 हजार से अधिक फ्लैट देने का रिकॉर्ड है और हम अपने "मिशन कंप्लीशन 2022" के तहत अपने खरीदारों को डिलीवरी देना जारी रखेंगे, जिसके तहत हमने दिसंबर, 2022 तक 7000 यूनिट देने का लक्ष्य रखा है."
सुपरटेक (Supertech) को पिछले एक साल में दूसरा बड़ा झटका लगा है. इससे पहले पिछले साल 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड के जुड़वां 40-मंजिला टावरों को ध्वस्त करने का ऑर्डर दिया था. जिसे इस साल मई में गिराया जाएगा.
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