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अरविंद सुब्रह्मण्‍यम ने वक्त से पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार पद छोड़ा

अरविंद पानगढ़िया के बाद अब अरविंद सुब्रह्मण्‍यम भी अमेरिका लौटे

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बिजनेस न्यूज
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मुख्य आर्थिक सलाहकार अमेरिका लौटेंगे
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मुख्य आर्थिक सलाहकार अमेरिका लौटेंगे
(फोटो: पीटीआई)

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इस्तीफे के बाद अरविंद सुब्रह्मण्‍यम की प्रेस कॉन्फ्रेंस

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्‍यम ने वित्तमंत्रालय छोड़ने का फैसला किया है. पहले अरुण जेटली ने फेसबुक में इसका ऐलान किया, इसके बाद सुब्रह्मण्‍यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे की वजह बताईं.

सुब्रह्मण्यम के मुताबिक वैसे उनका कार्यकाल 2019 तक था पर पारिवारिक वजह से उन्हें अब अमेरिका लौटना पड़ेगा. लेकिन अागे मौका मिला तो दोबारा भारत में काम करना पसंद करेंगे.

सुब्रह्मण्यम ने बताया कि जेटली को पद छोड़ने की जानकारी देने के बाद उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की

रोचक बात है कि इस वक्त पीयूष गोयल वित्तमंत्रालय का कामकाज संभाल रहे हैं और जेटली किडनी ट्रांसप्लांट के बाद फिलहाल घर पर आराम कर रहे हैं. लेकिन सुब्रह्मण्यम के इस्तीफे का ऐलान सबसे पहले जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में किया.

जेटली ने लिखा कि अरविंद सुब्रह्मण्‍यम ने कुछ दिन पहले ही उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इरादा जता दिया था कि अब मुख्य आर्थिक सलाहकार की जिम्मेदारी छोड़कर अमेरिका लौटना चाहते हैं. उन्होंने जो वजह बताईं इसके बाद मेरे पास उनकी बात मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

सुब्रह्मण्‍यम ने बताया कि वो अमेरिका अपने परिवार के पास लौट रहे हैं. रघुराम राजन और अरविंद पानगढ़िया के बाद अरविंद सुब्रह्मण्‍यम मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रमुख सरकारी पद छोड़कर अमेरिका लौटने वाले तीसरे बड़े आर्थिक विशेषज्ञ हैं.

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पेट्रोल-डीजल GST के दायरे में आएगा?

सुब्रह्मण्यम ने जीएसटी में सहमति बनाने को अपनी मुख्य उपलब्धि माना. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के साथ अल्कोहल को भी जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए लेकिन इसका फैसला जीएसटी काउंसिल ही करेगी.

उन्होंने कहा कि डबल डिजिट ग्रोथ के लिए घरेलू और विदेशी दोनों जगह अच्छा माहौल चाहिए इसलिए इसमें अभी वक्त लगेगा. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर को ग्रोथ के लिए अड़चन बताते हुए सुब्रह्मण्यम ने माना कि अगर ये बढ़ा तो भारत को भी इससे निपटने के तरीके अपनाने होंगे.

इस्तीफा देने के बाद पीएम से मुलाकात की

अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया कि कुछ दिन पहले अरविंद सुब्रह्मण्‍यम ने उन्हें बताया कि पारिवारिक वजह से उन्हें अमेरिका लौटना होगा. जेटली के मुताबिक कि पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने उन्हें जो वजह बताई उसके बाद उनका अनुरोध मानना पड़ा.

जेटली के हिसाब से अरविंद सुब्रह्मण्‍यम की उपलब्धि

  • जनधन योजना, आधार और मोबाइल के जरिए सरकारी सब्सिडी
  • फर्टिलाइजर, कैरोसिन, कपड़ा, बिजली और दालों पर बड़े सुधार
  • जीएसटी पर सभी राज्यों के बीच सहमति बनाने के लिए रेवेन्यू न्यूट्रल रेट की सलाह
  • अमीरों से सब्सिडी हटाकर गरीबों तक पहुंचायी जाए

मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर अरविंद सुब्रह्मण्‍यम ने अक्टूबर 2014 में पद संभाला था तब उनका कार्यकाल तीन साल का था. तीन साल पूरे होने पर जेटली ने उनसे कुछ दिन और काम करते रहने का अनुरोध किया. उनके मुताबिक सुब्रह्मण्‍यम पहले कई बार बता चुके थे कि पारिवारिक वजह से उनके लिए भारत में रहना बहुत मुश्किल है.

जेटली के मुताबिक, अरविंद ने वित्त मंत्रालय और पीएमओ के बीच बहुत ही अहम तरीके से तालमेल बैठाया. उनका काम बेहद असरदार और बहुआयामी रहा. वो सरकार के प्रवक्ता नहीं सलाहकार थे जिसका काम आगे की चुनौतियों के बारे में सरकार को सलाह देना और तैयार करना है.

राजन, पानगढ़िया के बाद सुब्रह्मण्‍यम

2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से अरविंद सुब्रह्मण्‍यम तीसरे बड़े आर्थिक विशेषज्ञ हैं जिन्होंने भारत के बजाए अमेरिका लौटने का फैसला किया है.

इसके पहले रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर कार्यकाल बढ़ाने से पहले ही इनकार करके शिकागो यूनिवर्सिटी में बिजनेस के प्रोफेसर का पद दोबारा संभाल लिया.

नीति आयोग के डिप्टी चेयरमैन अरविंद पानगढ़िया ने करीब ढाई साल काम करने के बाद बिजनेस प्रोफेसर के तौर पर दोबारा कोलंबिया यूनिवर्सिटी ज्वाइन कर ली थी.

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Published: 20 Jun 2018,03:15 PM IST

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