अपनी बेबाकी के लिए मशहूर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार से एक सवाल पूछा है. वो ये कि इस वक्त देश का वित्तमंत्री कौन है?
द क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया के खास शो राजपथ में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बेहद व्यंगात्मक लहजे में ये सवाल उठाया.
कहीं जेटली, कहीं पीयूष
उनकी दलील है कि सरकार की वेबसाइट https://www.india.gov.in/my-government/whos-who/council-ministers में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली मिनिस्टर विदाउट पोर्टफोलिओ, यानी बिना मंत्रालय के मंत्री हैं. उसी वेबसाइट में पीयूष गोयल को वित्तमंत्री बताया गया है.
जबकि वित्त मंत्रालय की वेबसाइट https://www.finmin.nic.in/ के होमपेज पर जेटली ही वित्तमंत्री के तौर पर दर्ज हैं. वहां पीयूष गोयल का जिक्र तक नहीं है.
स्वामी के मुताबिक, एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में पीयूष गोयल को अंतरिम वित्तमंत्री लिखा गया, जो संविधान में कोई पद ही नहीं है.
अरुण जेटली की खराब तबीयत के चलते 14 मई, 2018 को पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त भार सौंपा गया था. उनके पास रेलवे, कॉर्पोरेट अफेयर्स और कोयला जैसे भारी भरकम मंत्रालय पहले से हैं.
वित्त मंत्रालय में खींचतान चरम पर
लेकिन वित्त मंत्रालय के कामकाज पर नजर रखने वालों का कहना है कि पीयूष गोयल एक कार्यवाहक मंत्री से ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. हाल में उन्होंने:
- 13 सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ एनपीए के मुद्दे पर बैठक
- बैंकों पर निगरानी के लिए रिजर्व बैंक को ज्यादा अधिकार
- लघु एवं मझोले (SME) उद्योगों को कर्ज
जैसे अहम मुद्दों पर बैठकें और प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं. इसके बाद काफी दिनों से स्वास्थ लाभ ले रहे जेटली ने भी सचिवों और अफसरों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया. हाल में जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर नोटबंदी, जीएसटी और देश की अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर 'द इकनॉमी एंड द मार्केट रिवॉर्ड स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स एंड फिस्कल प्रूडेंस' नाम से ब्लॉग लिखा.
खींचतान का आलम ये है कि 19 जून, 2018 को वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार पद से इस्तीफा देने वाले अरविंद सुब्रह्मण्यम ने इसकी सूचना कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल को न देकर अरुण जेटली को दी, जिन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये इसे सार्वजनिक किया.
माना जा रहा है कि जेटली अगस्त, 2018 के पहले हफ्ते में काम पर लौट सकते हैं. यानी वित्त मंत्रालय में ये ‘अफरातफरी’ तब तक बनी रहेगी.
सुब्रह्मण्यम स्वामी का अरुण जेटली से मनमुटाव जगजाहिर है. इसीलिए मौके का फायदा उठाते हुए स्वामी जेटली पर निशाना साध रहे हैं.
स्वामी का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए क्लिक करें : Exclusive | सरकार के किसी मंत्री को इकनॉमिक्स नहीं आती: स्वामी
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)