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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने सोमवार को CII की नेशनल काउंसिल मीटिंग में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है. रूस-यूक्रेन युद्ध का देश की अर्थव्यवस्था पर मामूली असर पड़ेगा.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "हम भारत में मुद्रास्फीति के कम होने की उम्मीद करते हैं. मुझे भारत में ऐसी कोई स्थिति नहीं दिखती जहां मुद्रास्फीति हमारे द्वारा निर्धारित बैंड को छोड़ती है."
बैठक में RBI गवर्नर ने कहा कि आज की स्थिति अनिश्चित है. उतार-चढ़ाव के बावजूद देश में मंदी की संभावना नहीं है.
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से चालू खाते के घाटे पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर उन्होंने कहा कि युद्ध से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद उच्च विदेशी मुद्रा भंडार और चालू खाते का घाटा निचले स्तर पर होने से अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है.
RBI गवर्नर ने कहा कि 2020 में महामारी से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था में अब तक 17 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाली गयी है. उन्होंने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि RBI यह सुनिश्चित करता रहेगा कि अर्थव्यवस्था में पर्याप्त नकदी रहे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूंजी पर्याप्तता अनुपात 16 फीसदी और सकल NPA (non-performing asset) रिकॉर्ड 6.5 फीसदी के निचले स्तर पर होने के साथ बैंकों की स्थिति अब बेहतर है.
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि दुनिया अब अक्षय ऊर्जा की ओर अपना रूख करेगी.
उन्होंने आगे कहा कि, "यूक्रेन मुद्दे के कारण तेल संकट गहराने से लोग तेजी से अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल पर जोर देंगे."
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