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केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में कुछ बदलाव किए हैं, जो 1 जनवरी से लागू होंगे. इन बदलावों का ऐलान सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (CBIC) ने 18 नवंबर को किया था.
आइए जानते हैं कि नए साल से लागू होने जा रहे नए नियम उपभोक्ताओं को कैसे प्रभावित करेंगे...
क्या-क्या मंहगा होगा?
फुटवियर
कपड़े
कपड़े और जूतों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि इन वस्तुओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो जाएगी, जो 1 जनवरी 2022 से शुरू होगी.
कपड़े और जूते जिनकी कीमत 1000 रुपये से कम या उसके बराबर है, उन पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू होगी.
कौन से फैब्रिक मंहगे होंगे?
बुना हुआ सामान
सिंथेटिक धागे
टेंट के फैब्रिक
कंबल के फैब्रिक
यहां तक कि टेबल पर प्रयोग होने वाले कपड़े और टेबल नैपकिन पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगेगा.
क्या कोई अपवाद भी है?
हां, कॉटन प्रोडक्ट्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
ओला, ऊबर जैसी पैसेंजर सेवाओं पर जीएसटी के क्या नियम हैं?
अगले साल से ओला या उबर के जरिए ऑनलाइन बुक की गई ऑटो राइड पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. हालांकि, सड़क से पकड़े गए ऑटो रिक्शा पर जीएसटी नहीं लागू होगा.
दूसरी ओर, कैब की कीमतें कम हो जाएंगी क्योंकि पहले 6 प्रतिशत की जीएसटी लगती थी जो अब घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगी.
कैब पर लगने वाले जीएसटी का जनता पर क्या असर होगा?
ऑनलाइन ऑटो-रिक्शा बुक करने पर अधिक भुगतान करना होगा, लेकिन ऑनलाइन बुक की गई कैब की कीमतों में थोड़ी कमी आएगी.
क्या Zomato, Swiggy पर भी GST लगेगा?
हां, 1 जनवरी 2022 से Zomato, Swiggy जैसे फूड डिलीवरी बिजनेसवालों को उपभोक्ताओं से लिया गया GST जमा करना होगा. ये ऐप 1 जनवरी से अपने द्वारा दी जाने वाली रेस्टोरेंट सर्विसेज पर 5 प्रतिशत जीएसटी जमा करना शुरू करेंगे.
फूड डिलीवरी बिजनेस पर जीएसटी लागू होने से जनता पर क्या असर होगा?
फूड डिलीवरी बिजनेस पर जीएसटी लगने से सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा क्योंकि कोई एक्ट्रा चार्ज नहीं लगेगा.
मौजूदा वक्त में 5 प्रतिशत टैक्स रेस्टोरेंट्स द्वारा कलेक्ट किया जाता है, जिसे अगले साल से फूड डिलीवरी बिजनेस में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
नए जीएसटी नियम बड़े बिजनेस को कैसे प्रभावित करेंगे?
5 करोड़ या उससे अधिक सलाना टर्नओवर वाले बिजनेस को दो रिटर्न मंथली सबमिट करना होगा:
GSTR-3B (सेल्फ-डिक्लेयर्ड रिटर्न)
GSTR-1 (सेल्स इनवॉइस ऑफ मंथली रिटर्न)
अगर GSTR-3B और GSTR-1 में दिखाए गए रिटर्न सरकार सहमत नहीं हैं, तो सरकारी अधिकारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के जीएसटी वसूली के लिए भेजा जा सकता है.
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