Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business news  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चलन में कैसे आया 2000 रुपए का नोट? छपने से लेकर वापस मंगाने तक की पूरी कहानी

चलन में कैसे आया 2000 रुपए का नोट? छपने से लेकर वापस मंगाने तक की पूरी कहानी

RBI के अनुसार, 23 मई से लोग 2 हजार रुपये के नोट बदल सकते हैं और ये प्रक्रिया 30 सितंबर 2023 तक जारी रहेगी.

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>चलन में कैसे आई 2000 रुपए की नोट? छपने से लेकर वापस मंगाने तक का इतिहास </p></div>
i

चलन में कैसे आई 2000 रुपए की नोट? छपने से लेकर वापस मंगाने तक का इतिहास

(फोटो-क्विंट हिंदी)

advertisement

गुलाबी रंग के दो हजार रुपये के नोट (2 Thousand Rupees Note) को अब 30 सितंबर 2023 तक बदलना होगा. RBI ने शुक्रवार (19 मई) को दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया. RBI ने इसे 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत लिया गया फैसला बताया है.

2016 में नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपये की करेंसी बंद करके आया ये दो हजार रुपये का नोट, अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. 23 मई से इसे बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. कुल साढ़े छह महीने तक 'जेब' की शोभा बढ़ाने वाली ये करेंसी अब खत्म होने की कगार पर है. ऐसे में टाइमलाइन के जरिए 2 हजार रुपए के नोट की जर्नी के बारे में जानते हैं. 

कैसी रही 2 हजार रुपये नोट की यात्रा?

RBI के बयान के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 में ₹2000 के बैंक नोट को पेश किया गया था.

बयान के अनुसार, एक बार अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाने के बाद ₹2000 के बैंक नोटों को पेश करने का उद्देश्य पूरा हो गया. इसलिए 2018-2019 में ₹2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी.

RBI के अनुसार, ₹2000 के लगभग 89% बैंक नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे.

डेटा के अनुसार, मार्केट सर्कुलेशन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 को अपने चरम पर जहां ₹6.73 लाख करोड़ (37.3% नोट प्रचलन में था) था, ये अब घटकर ₹3.62 लाख करोड़ हो गया है. RBI ने बताया है कि यह 31 मार्च, 2023 को प्रचलन में कुल नोटों का केवल 10.8% है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, 16 मार्च 2021 को, लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि जमाखोरी को रोकने और अर्थव्यवस्था में काले धन के संचालन पर अंकुश लगाने के प्रयास में अप्रैल 2019 से 2,000 रुपये का कोई नया नोट नहीं छापा गया है

उन्होंने कहा, "वर्ष 2019-20 और 2020-21 के दौरान, 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की छपाई के लिए प्रेस के साथ कोई मांगपत्र नहीं रखा गया है।"

मंत्री ने संसद को बताया कि 30 मार्च, 2018 को 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के 3,362 मिलियन करेंसी नोट चलन में थे. हालांकि, 26 फरवरी, 2021 तक, 2,000 रुपये के नोटों के केवल 2,499 मिलियन नोट प्रचलन में थे जबकि, मात्रा के संदर्भ में मुद्रा 3.27 प्रतिशत से घटकर 2.01 प्रतिशत हो गई, व्यापार के संदर्भ में 30 मार्च, 2018 के 37.36 प्रतिशत से गिरकर 2021 में 17.78 प्रतिशत हो गई.

2019 में, आरबीआई ने कहा था कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान 2,000 रुपये के 3,542.991 मिलियन नोट छापे गए थे.

हालांकि, 2017-18 में केवल 111.507 मिलियन नोट छापे गए, जो कि वर्ष 2018-19 में घटकर 46.690 मिलियन नोट हो गए.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में अभी दो हजार के नोट की कुल 3 लाख 13 हजार करोड़ रुपये की करेंसी चलन में है.

RBI के नए आदेश के मुताबिक, अब कुल चलन में मौजूद करेंसी का दस फीसदी हिस्सा अगले चार महीने में वापस बैंक से बदलना होगा या उसे जमा कराना होगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT