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Real Estate: भारत में तेजी से बढ़ रहा रियल एस्टेट का बाजार, कैसे कर सकते हैं निवेश?

Real Estate: RERA जैसी नीति आने के बाद रियल एस्टेट निवेश के लिए बेहतर हुआ है, यहां जानें इस सेक्टर में निवेश के 7 ट्रेंड.

शीशराम यादव
बिजनेस न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>Real Estate: भारत में तेजी से बढ़ रहा रियल एस्टेट का बाजार, कैसे कर सकते हैं निवेश?</p></div>
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Real Estate: भारत में तेजी से बढ़ रहा रियल एस्टेट का बाजार, कैसे कर सकते हैं निवेश?

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate) में एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा रही है, केपीएमजी के अनुसार भारत में रियल एस्टेट का बाजार 25.6% की वृद्धी कर साल 2028 तक 800 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का बाजार हो सकता है. रियल एस्टेट सेक्टर में ये तेजी - निवेश के कई मौके लाएगी. लेकिन रियल एस्टेट बाजार अब और ज्यादा मॉर्डन हो चुका है, इसमें अब केवल साधारण घर या कमर्शियल बिल्डिंग ही नहीं, कई सारी चीजें जुड़ रही हैं. ऐसे में आपको रियल एस्टेट के लेटेस्ट ट्रेंड के बारे में बताएंगे जहां निवेश किया जा सकता है और साथ ही निवेश को लेकर सलाह भी देंगे.

रियल स्टेट होता क्या है?

रियल एस्टेट सेक्टर यानी जहां मकान-दुकान, बिल्डिंग, सड़कें या अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी चीजें शामिल हैं. कई लोग ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर पैसा बनाते हैं.

रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर कई सुधार हुए जैस देश में ऐसी नीतियां (RERA) लागू हुईं जिससे इस सेक्टर को तेजी मिली, पारदर्शिता बढ़ी और निजी निवेश से भी बढ़ावा मिला. यूनियन बजट 2023-24 में, वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना में 66% की वृद्धि की घोषणा की है, और सरकार ने टाउनशिप और सेटलमेंट विकास परियोजनाओं के लिए 100% तक एफडीआई की अनुमति दे दी है. ऐसे विकास के बीच, भारतीय रियल एस्टेट बाजार में फिलहाल जो ट्रेंड देखे जा रहे हैं उस पर नजर डालते हैं और जानते हैं निवेश के मौके कहां-कहां हैं:

अफोर्डेबल हॉउसिंग

अफोर्डेबल हॉउसिंग (किफायती मकान) पर फोकस एक प्रमुख ट्रेंड बना हुआ है. पीएमएवाई (प्रधानमंत्री आवास योजना) जैसी सरकारी पहल ने मध्यम और निम्न-आय वर्ग की हॉउसिंग जरूरतों को संबोधित करते हुए, देश भर में अफोर्डेबल हॉउसिंग परियोजनाओं के विकास को प्रोत्साहित किया है.

टेक इंटिग्रेशन

रियल एस्टेट इंडस्ट्री टेक्नॉलजी को ऐसे अपना रहा जैसे पहले कभी नहीं अपनाया, वर्चूअल प्रॉपर्टी टूर, आग्मेन्टड रीऐलिटी और प्रॉपर्टी मूल्यांकन और प्रबंधन के लिए ए आई-संचालित प्लेटफॉर्म जो सुविधा और दक्षता प्रदान करते हैं, अधिक आम होते जा रहे हैं. उभरते प्रॉप-टेक समाधान इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्ज़ के बीच अंतर को कम कर एक बड़ा प्रभाव डालने जा रहे हैं.

ग्रीन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट

सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंड्ली निर्माण पर जोर बढ़ रहा है. पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक परियोजनाएं बनाने के लिए डेवलपर्स, ग्रीन बिल्डिंग तकनीक, रिन्यूएबल एनर्जी सॉर्सेज और ईको-फ्रेंड्ली सामग्रियों को शामिल कर रहे हैं.

Co-working और Co-living स्पेस

स्टार्टअप और रिमोट वर्क (WFH) के बढ़ने के साथ, Co-working और Co-living की व्यवस्था की मांग बढ़ गई है. रियल एस्टेट डेवलपर्स शेर्ड ऑफिस स्पेस, और फर्निशड अपार्टमेंट बनाकर इस ट्रेंड को अपना रहे हैं, जो इस ग्रोइंग डेमोग्राफिक को पूरा करता है. महामारी के बाद से ऐसी व्यवस्थाओं की मांग और किराए में भी बढ़ोतरी देखी गई है.

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(फोटो- क्विंट हिंदी)

स्मार्ट होम और  IoT इंटिग्रेशन

स्मार्ट होम टेक्नोलॉजी और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स - ऐसे डिवाइसेस जिसमें सेंसर होता है) का इंटिग्रेशन गति पकड़ रहा है. सिक्यॉरिटी, एनर्जी एफिशिएंसी और सुविधा के लिए स्मार्ट फीचर्स वाले घरों में घर खरीदने वालों की दिलचस्पी बढ़ रही है.

रेंटल हाउसिंग ग्रोथ

रेंटल का मार्केट भी बढ़ रहा है, दरअसल शहरीकरण एक वजह है और दूसरी - कई मिलेनियल्स और खासकर GenZ की बदलती जीवनशैली एक वजह है, इनके बीच रेंटल चीजों की मांग बढ़ी है. यह ट्रेंड रेंटल प्रॉपर्टीज में निवेश और परपज-बिल्ट रेंटल निवास के विकास को प्रोत्साहित कर रही है.

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs)

आर ई आई टी ने भारत में लोकप्रियता हासिल की है, जिससे निवेशकों को आय पैदा करने वाली रियल एस्टेट ऐसेट्स में निवेश करने का अवसर मिला है. वे पोर्टफोलियो में विविधता लाने और अपेक्षाकृत कम निवेश राशि के साथ रियल एस्टेट ऐसेट्स को ऐक्सेस करने का मौका प्रदान करते हैं.

विनियामक सुधार

रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने और खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण नियामक सुधार देखे गए हैं. RERA (रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण) जैसे उपायों ने इस सेक्टर में अधिक जवाबदेही और विनियमन लाया है.

रियल एस्टेट में निवेश की सलाह

जब चीन का प्रॉपर्टी मार्केट संकट में है, तब से भारत का शहरीकरण और इंफ्रास्ट्रकचर पर जोर कोविड के बाद जबरदस्त गति पकड़ रहा है.

अर्न्स्ट एंड यंग (EY) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 की पहली छमाही में भारत में 4 बिलियन डॉलर से अधिक का प्राइवेट क्रेडिट (नॉन बैंकिंग कंपनी द्वारा दिए जाने वाला कर्ज) आया है, जिसमें से 50% से अधिक रियल एस्टेट में गया, जबकि 2022 में यह 5.3 बिलियन डॉलर था. फंड प्रबंधकों का अनुमान है कि निवेशकों के लिए आकर्षक रिटर्न के साथ, रियल एस्टेट 2024 में भी विकास की यह स्ट्रीक जारी रखेगा.

अधिकांश निवेशकों के लिए, बाजार में अस्थिरता और सीमित नगदी के बावजूद प्रॉपर्टी के भाव में वृद्धि और रेंटल आय की संभावना के कारण रियल एस्टेट निवेश के लिए एक आशाजनक विकल्प है.

हालांकि, क्लियर टाइटल, प्रॉपर्टी कंडिशन, रेंटल प्रॉपर्टीज की मांग और संभावित अप्प्रेसिएशन (लॉन्गटर्म में प्रॉपर्टी के भाव बढ़ने का गणित) जैसे फेक्टर्स पर विचार करते हुए, एक अच्छा निवेश सुनिश्चित करने के लिए गहन रीसर्च जरूरी है.

  • विशेषज्ञ की सलाह भी आवश्यक है, और रियल एस्टेट एजेंट या ब्रोकर माइक्रो मार्केट और रुझानों के बारे में जानकारी दे सकते हैं.

  • पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) फैक्टर तेजी से इन्वेस्टमेंट निर्णयों को प्रभावित कर रहे हैं, ईएसजी-अनुरूप रियल एस्टेट परियोजनाओं के 2025 तक भारत में कुल आवासीय बिक्री का 25% से अधिक होने की उम्मीद है.

  • आवासीय (रेसिडेंशियल), कमर्शियल और औद्योगिक प्रॉपर्टीज सहित पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन), रिस्क में कमी के लिए एक सही रणनीति है, लेकिन सफल योजना बनाने और अनुकूल परिणाम पाने के लिए यह समझना जरूरी है कि रिस्क और रिवार्ड एक साथ कैसे काम करते हैं.

(ये आर्टिकल रियल एस्टेट कंपनी यूजेन इंफ्रा के एमडी शीशराम यादव ने लिखा है.)

(डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें.)

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