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रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर ने पिछले दिनों में अच्छी तेजी दिखाई और शेयर बाजार के भागने की वजह भी बना रहा. लेकिन अब इसके लिए बुरी खबर आई है. दो अहम ब्रोकरेज फर्म CLSA और एडेलवाइस ने रिलांयस इंडस्ट्रीज पर अपनी रेटिंग घटा दी है.
दोनों ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि कंपनी का कर्ज घटने, वैल्यू अनलॉकिंग और वैल्यूएशन ऊच्चतम स्तरों पर होने की वजह से कंपनी के शेयर में तेजी देखने को मिली थी.
मार्च के बाद से शेयर में करीब 150% की तेजी देखने को मिली है. मार्च में कंपनी का शेयर 860 के स्तरों पर था जो जुलाई में बढ़कर 2000 के पार चला गया है. इसका सबसे बड़ा क्रेडिट जाता है रिलायंस प्लेटफॉर्म्स को दुनिया भर की दिग्गज कंपनियों से मिलने वाले निवेश को.
एडेलवाइज ने रिलायंस पर 2016 में अच्छी रेटिंग दी थी और अब 4 साल बाद इस शेयर ने 400% की रैली दिखाई है.
वहीं पिछले दिनों रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एनर्जी कंपनी बन गई है. रिलायंस ने एक्सॉन मोबिल कॉर्पोरेशन को पीछे छोड़ दिया है. सऊदी अरामको के बाद अब सबसे बड़ी एनर्जी कंपनी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज बन गई है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि रिलायंस के डिजिटल और रिटेल बिजनेस में निवेशकों के बढ़ने से रिलायंस को मजबूती मिली है.
रिलायंस को एशिया के सबसे धनी आदमी मुकेश अंबानी कंट्रोल करते हैं और कंपनी दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स मैनेज करती है. 24 जुलाई को रिलायंस शेयर बाजार में 4.3% उठा और उसकी मार्केट वैल्यू 189 बिलियन डॉलर हो गई. वहीं एक्सॉन मोबिल को करीब 1 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
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