Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019GDP ग्रोथ में दूसरी तिमाही में भी दिखा सुधार, 8.4 फीसदी की बढ़त

GDP ग्रोथ में दूसरी तिमाही में भी दिखा सुधार, 8.4 फीसदी की बढ़त

पहली तिमाही की जीडीपी में 20.01 फीसदी की बढ़त देखी गई थी

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Updated:
<div class="paragraphs"><p>GDP के आंकड़े जारी</p></div>
i

GDP के आंकड़े जारी

(फोटो: iStock)

advertisement

वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी किए गए हैं. सांख्यिकी एवं योजना क्रियान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.4 फीसदी रही. तमाम एजेंसियों की तरफ से अनुमान लगाया गया था कि जीडीपी ग्रोथ 7 से लेकर 9 फीसदी तक रह सकती है. पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.

पहली तिमाही में दिखा था उछाल

कोरोना महामारी के बाद जब कारोबार थोड़ा उठने लगे तो इसका असर जीडीपी पर देखने को मिला था. इस वित्त वर्ष पहली तिमाही की जीडीपी में 20.01 फीसदी की बढ़त देखी गई थी.

कोरोना महामारी के बाद इस तरह के उछाल को स्वाभाविक माना गया था. जबकि पिछले साल यानी 2020-21 की पहली तिमाही में इकनॉमी धराशायी हो गई थी. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 24.4% की गिरावट देखने को मिली थी.

अब तीसरी तिमाही के लिए जानकारों का मानना है कि इसमें और ज्यादा उछाल देखने को मिल सकता है. क्योंकि अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक त्योहारों का सीजन रहा और इस दौरान लोगों ने जमकर खरीदारी भी की. यानी इकनॉमी को बूस्ट मिला. इसका असर जीडीपी के आंकड़ों में नजर आ सकता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सुधरने लगी इकनॉमी की रफ्तार

किसी भी देश की इकनॉमी की पहचान उसकी जीडीपी ग्रोथ से होती है. भारत में जीडीपी लगातार ऊपर-नीचे हो रही थी, तभी कोरोना महामारी की शुरुआत हुई और जीडीपी नेगेटिव में चली गई. इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर ने भी काफी असर डाला. लेकिन पिछले कुछ महीनों से इकनॉमी पटरी पर लौटी है. जिसका सीधा असर जीडीपी पर देखा जा सकता है. इस वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के आंकड़े यही बता रहे हैं.

हालांकि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनियाभर के देशों में एक रेड अलर्ट जारी कर दिया है. अफ्रीकी देशों में पैदा हुए इस वेरिएंट को काफी खतरनाक माना जा रहा है. दुनिया के तमाम देश फिर से सख्ती बरत रहे हैं, अगर डेल्टा वेरिएंट की तरह ये भी दुनिया के देशों में फैला तो इसका असर वैश्विक इकनॉमी पर देखा जा सकता है. भारत में भी इस वेरिएंट को लेकर तमात तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 30 Nov 2021,05:53 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT