कोविड महामारी (COVID-19) से जूझ रहे भारत के लिए वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के परिणाम काफी सकारात्मक रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की गाड़ी फिर पटरी पर लौटने लगी है, क्योंकि पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में 20.1% का उछाल दर्ज किया गया है. सांख्यिकी एवं योजना क्रियान्वयन मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर ये जानकारी दी है. इसके मुताबिक, सकल घरेलू उत्पाद में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 24.4% की गिरावट आई थी.
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, स्थिर मूल्य यानी 2011-12 को आधार मानते हुए वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी का आकार 32.38 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है.
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी का आकार 26.95 लाख करोड़ रुपये था. इस प्रकार जीडीपी में 20.1% की वृद्धि झलकती है. 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 24.4% की गिरावट आई थी.
कोविड संकट के बीच केंद्र सरकार के लिए पहली बार जीडीपी के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है.
इस वृद्धि की वजह लो बेस इफेक्ट बताया जा रहा है. पिछले साल कोरोनावायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई थी. लिहाजा जून 2020 तिमाही के मुकाबले जून 2021 तिमाही में वृद्धि काफी शानदार नजर आ रही है.
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