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आयकर विभाग (Income Tax Department) की एक जांच के मुताबिक, हीरो मोटोकॉर्प (Hero Motocorp) की किताबों पर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च बिजनेस के उद्देश्य से नहीं था, बल्कि एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की सर्विस के लिए किया गया था, जिसने कथित तौर पर पैसों का घोटाला किया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फर्जीवाड़ा शेल फर्मों के जरिए किया गया है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने गुरुवार 31 मार्च को कंपनी का नाम लिए बिना कहा, "गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस तरह के दावे आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत अस्वीकार्य हैं." बोर्ड का यह बयान कंपनी, उसके अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पवन मुंजाल और अन्य के परिसरों में तीन दिनों की तलाशी के बाद आया है.
विभाग ने यह भी पाया कि दिल्ली में 10 एकड़ कृषि भूमि कुछ कागजी कंपनियों के जरिए खरीदी गई थी. इस तरह के लेन-देन में, 60 करोड़ रुपये से ज्यादा का एक अनअकॉउंटेड कैश कॉम्पोनेन्ट कथित रूप से शामिल था.
बयान में कहा गया है कि, “जमीन के सौदे का वास्तविक लाभार्थी हीरो मोटोकॉर्प ग्रुप का एक प्रमुख व्यक्ति है. इस डील को कामयाब बनाने वाले मिडलमैन ने अपने बयान में कबूल किया है कि बिक्री प्रतिफल का एक बड़ा हिस्सा नकद में भुगतान किया गया था."
इसके सिवा अचल संपत्ति के कारोबार में शामिल व्यक्तियों के परिसरों से कई आपत्तिजनक दस्तावेजों का पता चला है. इनमें "ऑन-मनी ट्रांसक्शन्स" के रिकॉर्ड शामिल हैं, जहां दिल्ली में उनकी विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं में इकाइयों की बिक्री के बदले नकद प्राप्त किया गया था.
इसके अलावा 1.35 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी जब्त की गई है और 3 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषणों को जब्त किया गया है.
(न्यूज इनपुट्स - बिज़नेस स्टैण्डर्ड)
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