Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Reliance से डील खत्म, Future ग्रुप के शेयरधारकों का अब क्या फ्यूचर?

Reliance से डील खत्म, Future ग्रुप के शेयरधारकों का अब क्या फ्यूचर?

Amazon ने रिलायंस फ्यूचर ग्रुप में करार को कोर्ट में चुनौती दी थी और अब रिलायंस से ही डील में दिक्कत आ गई

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बिजनेस
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फ्यूचर ग्रुप

(फोटो: Altered by Quint)

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रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और फ्यूचर समूह (Future Group) के बीच 24,713 करोड़ रुपयों की डील खत्म हो गई है. साल 2020 में ये डील हुई थी जिसमें किशोर बियानी की फ्यूचर समूह ने तय किया था कि वे अपनी रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग का बिजनेस रिलायंस को बेच देंगे. फ्यूचर समूह ये डील इसलिए करना चाहता था क्योंकि इस पर बहुत कर्ज हो गया था. लेकिन फ्यूचर समूह के 69.29% सिक्यॉर्ड क्रेडिटर्स ने इस डील के खिलाफ वोटिंग की है. इसके बाद अब रिलायंस ने भी कह दिया है कि अब ये डील लागू करना संभव नहीं है. डील रद्द होने का शेयर धारकों पर क्या असर पड़ेगा और इस कंपनी पर क्या असर पड़ेगा , ये समझते हैं.

क्या 'फ्यूचर' का दिवालिया निकल सकता है?

इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक फ्यूचर समूह के क्रेडिटर्स ग्रुप इन्सॉल्वेंसी की ओर बढ़ सकते हैं. कंपनी पर 28 हजार करोड़ रुपयों से ज्यादा का कर्ज है. इटी ने सूत्रों के हवाले से अनुमान लगाया है कि इन्सॉल्वेंसी के तहत रिकवरी 10 फीसदी या इससे कम रह सकती है.

इस बात की संभावना है कि प्रमोटर्स फ्यूचर को दिवालिया होने से बचाने के लिए डेट रीकास्ट का ऑफर दे सकते हैं. डेट रिकास्ट का मतलब है कर्ज को दोबारा रिस्ट्रक्चर करना. किसी भी तरह से अगर 10% से ज्यादा की रिकवरी हो जाती है तो ये क्रेडिटर्स के लिए फायदेमेंद होगा.

फ्यूचर रिटेल के प्रमुख क्रेडिटर में से एक बैंक ऑफ इंडिया ने 21 अप्रैल को मुंबई बैंकरप्सी कोर्ट में कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है.

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इटी के सूत्र ने बताया कि, "रिलायंस द्वारा 946 स्टोर्स के लीज टेकओवर ने फ्यूचर के कैश फ्लो को 65% से ज्यादा कम कर दिया है. बचे हुए स्टोर को चलाने के लिए कंपनी के पास पैसे नहीं है. जब कंपनी के पास अपने कर्मचारियों या विक्रेताओं को भुगतान करने के लिए पर्याप्त माल या पैसा नहीं है तब इन दुकानों के मालिक भी आवाज उठाएंगे."

एनबीटी के मुताबिक रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल के लगभग 1000 से ज्यादा स्टोर्स का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था. लेकिन फरवरी से रिलायंस ने कई फ्यूचर ग्रुप स्टोर बंद करवाना शुरू किया था क्योंकि फ्यूचर, किराए का भुगतान नहीं कर पा रहा था. ये स्टोर उन प्रॉपर्टीज पर थे, जिन्हें रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप को सबलीज किया था. कंपनी ने फ्यूचर ग्रुप से इन स्टोर्स को यह कहते हुए वापस ले लिया कि उनकी तरफ से रेंट का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके चलते सब-लीज टर्मिनेट कर दी गई है.
बता दें कि रिलायंस-फ्यूचर डील पर अमेजन ने भी आपत्ति जताई थी और कानूनी कार्रवाई शुरू की थी. अमेजन ने फ्यूचर कूपंस का 49% हिस्सा खरीदा था बाद में जब फ्यूचर की रिलायंस से डील हुई तो अमेजन ने इसे पहले हुई डील की शर्तों का उल्लंघन बताया था.

रिलायंस ने बंद करवाए गए स्टोर्स से सभी फिजिकल एसेट जैसे एयर कंडीशनर, स्टॉक रखने वाली शेल्फ, लाइटें, चिलर्स, फ्रीजर्स, बिलिंग मशीनें, ट्रॉली और यहां तक कि एस्केलेटर मशीनें भी फ्यूचर के स्टोर्स से निकाल कर फ्यूचर ग्रुप को सौंप दी थीं. हालांकि कर्मचारियों को न निकालते हुए उन्हें नौकरी जारी रखने की पेशकश की गई थी.

बता दें फ्यूचर रिटेल, बिग बाजार, हाइपरसिटी, फूडहॉल, ईजोन, ईजीडे और हेरिटेज फ्रेश जैसे रिटेल स्टोर कंट्रोल करता है. कंपनी पर 31 जनवरी 2022 तक 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. फ्यूचर एंटरप्राइजेज, जो फैशन कपड़ें बनाती है, डिजाइन, खरीद और वितरण करती है, उस पर 6,880 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है.

जहां ये देखना होगा कि जिन क्रोडिटर्स ने रिलायंस की डील रद्द करने पर मुहर लगाई है उन्हें पैसा मिलता है या नहीं? लेकिन ये आशंका जताई जा रही है कि शेयर धारकों का पैसा डूब लगता है.

शेयर धारकों का क्या होगा?

अब ये मामला IBC यानि इंसॉल्वेंसी और बैंक्रप्सी के तहत जाएगा. विस्टोरियम लीगलिस के मैनेजिंग पार्टनर आदित्य चोपड़ा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया है कि चूंकि सिक्यॉर्ड देनदारों ने डील के खिलाफ वोट किया है तो लिहाजा रिस्ट्रक्चरिंग नहीं हो सकती और इस तरह से अब शेयर धारकों के लिए अपना पैसा बचाना मुश्किल हो जाएगा.

ऐसा इसलिए होगा चूंकि जब कंपनी के एसेट बिकेंगे तो रिकवरी के लिहाज से पहली प्राथमिकता सिक्यॉर्ड देनदारों को दी जाएगी

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Published: 25 Apr 2022,07:38 PM IST

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