advertisement
रूस के राष्ट्रपति पुतिन व पश्चिमी देशों के नेताओं के बीच चलते उग्र बयानों और यूक्रेन में फट रहे रूसी बमों की धमाकेदार आवाजों ने भारत के शेयर बाजारों (Indian Stock Market) को जबरदस्त तरीके से डरा रखा है. आज सोमवार को खुलते से ही भारतीय शेयर बाजार धड़ाम से गिरा (Stock Market crash). सोमवार को शुरुआती कारोबार में बीएसई सूचकांक सेंसेक्स 1,453.51 अंक टूटकर 52,880.30 पर खुला. वहीं एनएसई का निफ्टी 400 अंक से अधिक गिरकर 15,831.85 पर आ गया. 11.30 बजे तक ये सेंसेक्स थोड़ा संभला और 53,042 पर पहुंचा, वहीं निफ्टी का कारोबार 350 अंक नीचे 15,895 पर है. आइए जानते हैं भारत के बाजार के गिरने के 4 बड़े कारणों पर नजर-
यूक्रेन रूस संकट के चलते पिछले काफी समय से कच्चे तेल की कीमतें हाई हो रही है. सोमवार सुबह वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों ने ऐसा आंकड़ा छू लिया जो पहले मुश्किल से ही कभी सुना गया हो. यह कीमत है 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई. धीरे-धीरे यह कीमत उस स्तर तक पहुंच रही है, जो पूरी दुनिया में बड़ा आर्थिक संकट खड़ा कर सकती है. इन कीमतों का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा और संवेदनशील सूचकांक औंधे मुंह गिरे.
सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया और ज्यादा कमजोर हुआ 77 पैसे की कमजोरी के साथ भी यह 76.93 के स्तर पर खुला इससे पहले शुक्रवार को बाजार बंद होने के समय यह 76.16 के स्तर पर था. रुपए में डॉलर के मुकाबले लगातार गिरावट आई है. अभी तक 3.6% की गिरावट के साथ 77.02 के स्तर पर आ गया है जो कि अब तक का सबसे निचला स्तर है. अगर रुपया आगे 78 के लेवल तक गया तो यह शेयर बाजारों का संकट और ज्यादा बढ़ाने वाली बात होगी.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐसी कमोडिटीज की कीमत बढ़ रही है जिनके आयात पर भारत निर्भर है. रूस के हमले के कारण अंतरराष्ट्रीय इकनॉमी डिमांड घटी है जिसका असर भारत के एक्सपोर्ट पर पड़ रहा है. ग्लोबल ट्रेड में अनिश्चितता बढ़ी है. भारत का इंपोर्ट बिल भी आगे बढ़ने ही जा रहा है, इस समय मार्केट में काफी स्ट्रॉन्ग रिस्क ऑन है. मार्केट में जो जियोपॉलिटिकल डिस्काउंट चल रहा था वह भी खात्मे पर है. इन सब तत्वों पर मार्केट रिएक्ट करता है. इसका भी प्रभाव हमारे बाजार पर देखने को मिला है.
GST काउंसिल की 47वीं बैठक में GST की न्यूनतम दर को 5% से बढ़ाकर 8% करने पर विचार होगा. राजस्व बढ़ाने और घाटा पूरा करने के लिए केंद्र की राज्यों की निर्भरता खत्म करने हेतु GST छूट वाले प्रोडक्ट की सूची में भी बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है. निचले टैक्स स्लैब को बढ़ाने जैसे कदम भी होंगे. इससे खाने के तेल, चीनी, स्वीट आइटम्स, मसाले, चाय, कॉफी समेत कई सारी चीजें महंगी हो सकती हैं. यह खबर भी मार्केट के इस अप्रत्याशित व्यवहार का बड़ा कारण मानी जा रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)