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भारतीय स्टेट बैंक 2,450 करोड़ रुपये में यस बैंक के 10 रुपये अंकित मूल्य वाले 245 करोड़ शेयर खरीदेगा. बैंक ने शनिवार को कहा कि यस बैंक के पुनर्गठन के लिए जारी किए जाने वाले इन शेयरों की नए बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पुनर्गठन योजना के तहत SBI संकटग्रस्त Yes बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ले सकता है. RBI ने 6 मार्च को नकदी संकट से जूझ रहे Yes बैंक के पुनर्गठन के लिए मसौदा योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि
SBI के निदेशक मंडल ने पहले ही Yes बैंक में निवेश की संभावनाओं को टटोलने के लिए ‘सैद्धान्तिक मंजूरी’ दे दी है. कुमार ने कहा कि अगर SBI अकेले 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेता है तो उसे तत्काल 2,450 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा. उन्होंने कहा,“मैंने पहले ही (निवेश के लिए) 10,000 करोड़ रुपये की सीमा तय की है.” उन्होंने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये की सीमा बैंक को अधिक पूंजी आवश्यकता के अनुमानों पर आधारित है.
कुमार ने कहा Yes बैंक की पुनर्गठन योजना को लेकर जरूरी सुझाव और टिप्पणियां 9 मार्च 2020 तक रिजर्व बैंक को सौंपी जानी है. इसके बाद केन्द्रीय बैंक मामले में अंतिम निर्णय लेगा. उन्होंने बताया कि कई संभावित निवेशकों ने मसौदा योजना को देखने के बाद SBI का रुख किया है.
उन्होंने कहा, “Yes बैंक के लिए लोगों ने हमसे संपर्क किया है. ये सभी शुरुआती चर्चाएं हैं. हमारी निवेश टीम उनसे चर्चा करेगी और संभावनाएं तलाशेगी.”
कुमार ने कहा कि ये कोशिश की जा रही है कि RBI तय समय सीमा के अंदर पुनर्गठन योजना को मंजूरी मिल जाए और वह लागू हो जाए. उन्होंने ये भी कहा कि प्रस्तावित योजना का SBI के खातों पर कोई असर नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि योजना के तहत SBI के निवेशकों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के एक बैंक में SBI के निवेश से हितों के टकराव जैसी कोई बात भी नहीं होगी.
Yes बैंक के संस्थापक राणा कपूर के आवास पर ईडी के छापे पर उन्होंने कहा, “Yes बैंक एक संस्था है और राणा कपूर एक व्यक्ति हैं. इसलिए अगर किसी व्यक्ति ने कुछ गलत किया है तो उसे उसकी कीमत चुकानी होगी, लेकिन उसका नुकसान उद्यम क्यों भुगते.”
कुमार ने कहा कि इस संकट के समाधान में SBI के शामिल होने से निवेशकों और जमाकर्ताओं का डर दूर होगा. उन्होंने जमाकर्ताओं को भरोसा दिया कि उनका धन सुरक्षित है.
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