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इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट फंड (Invesco) ने 'जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड' (Zee Entertainment) के बोर्ड को बदलने के लिए एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) की अपनी मांग को फिर से दोहराया है.
इसके अलावा ब्लूमबर्ग ने एक पत्र के हवाले से बताया कि सोनी ग्रुप के जी एंटरटेनमेंट पर कब्जाए जाने के प्रयास को भी इंवेस्को ने खारिज कर दिया है.
23 सितंबर को जी के बोर्ड को लिखे एक पत्र में इंवेस्को ने मांग करते हुए कहा कि, कंपनी के गैर स्वतंत्र डायरेक्टर्स को हटाया जाए अच्छे अतिरिक्त स्वतंत्र डायरेक्टर नियुक्त किए जाएं. इससे पहले इसी महीने इंवेस्को ने जी के सीईओ पुनीत गोयनका और साथ में दो बोर्ड सदस्यों को पद से हटाने के लिए EGM की मांग रखी थी.
सोनी ग्रुप की भारतीय यूनिट ने पिछले हफ्ते जी को खरीदने के लिए एक गैर बाध्यकारी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया था. कंपनी ने कहा कि वह 90 दिन के स्पेशल टॉक पीरियड में एक बाध्यकारी समझौते पर बातचीत करेंगे.
इनवेस्को और ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी की जी नेटवर्क में 17.9% की हिस्सेदारी है. इन दोनों का कहना है कि यह सौदा अनियमित तरीके से हुआ है. इनवेस्को के उपाध्यक्ष अरुण बलानी ने 23 सितंबर के पत्र में लिखा कि "नए रणनीतिक लेनदेन की निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक नया और स्वतंत्र बोर्ड गठित करने की जरूरत है."
हालांकि 'जी' ने यह नहीं बताया कि उन्हें इनवेस्को का पत्र मिला है या नहीं लेकिन कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि हम कानून के आधार पर कार्यवाही करेंगे.
इंगवर्न रिसर्च सर्विसेज प्रोवाइड लिमिटेड के संस्थापक श्रीराम सुब्रमण्यम ने कहा कि इस पत्र के जरिए निवेशकों ने बता दिया है कि वह EGM की मांग से पीछे नहीं हटने वाले.
साथ ही उन्होंने कहा कि "शेयर होल्डर्स को यह तय करना होगा कि क्या इनवेस्को के प्रस्तावित डायरेक्टर्स ज्यादा योग्य हैं और क्या उनके पास सोनी के प्रस्तावित डायरेक्टरों से ज्यादा प्रासंगिक मीडिया अनुभव है."
वर्तमान CEO गोयनका को हटाने की मांग को 'जी' पर संस्थापक सुभाष चंद्रा के परिवार के प्रभाव को समाप्त करने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है, जो कभी रूपर्ट मर्डोक के भारतीय भागीदार थे. इसके अलावा जिन 2 बोर्ड सदस्यों को हटाने का अनुरोध किया गया था उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया है.
सुभाष चंद्रा एक चावल व्यापारी से मीडिया जगत के सम्राट बने. उन्होंने एस्सेल ग्रुप में अपने कर्ज के दबाव को कम करने के लिए 'जी' में अपनी हिस्सेदारी को कम कर दिया था.
चंद्रा ने 3 अगस्त को लिखे अपने पत्र में कहा था कि समूह वित्तीय तनाव से उभरा है और 47 करदाताओं के 91% कर्ज का निपटारा किया है. उन्होंने ये भी कहा कि प्रस्तावित सौदा भारत में सोनी के मीडिया बिजनेस का विस्तार करेगा.
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