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सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही मनाली की फोटो को देखें, तो लगता है कोरोना वायरस (COVID-19) अब खत्म हो गया है. अप्रैल और मई में कोरोना की दर्दनाक दूसरी लहर देखने के बाद, जून में मामलों में गिरावट देखी गई. इसे देखते हुए राज्य सरकारों ने धीरे-धीरे पाबंदियां भी हटानी शुरू कर दी हैं. फ्लाइट्स में भी पैसेंजर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है. हम सभी ये यकीन करना चाहते हैं कि देश में कोरोना का खतरा अब नहीं है, लेकिन रिपोर्टस और आंकड़ें देखें, तो चिंता अभी भी वैसी ही बनी हुई है.
सरकार ने अब घरेलू फ्लाइट्स में पैसेंजर की क्षमता को बढ़ा दिया है. नागरिक उड्यन मंत्रालय ने 5 जुलाई को अपने नए आदेश में कहा कि घरेलू फ्लाइट्स अब 50% क्षमता की जगह, 65% क्षमता के साथ चलेंगी. ये आदेश 31 जुलाई या अगला आदेश आने तक लागू रहेगा. आदेश के मुताबिक, ये फैसला घरेलू ऑपरेशंस और एयर ट्रैवल के लिए पैसेंजर डिमांड को देखते हुए लिया गया है.
कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसका खतरा पूरी तरह से कम नहीं हुआ है. अभी तक आशंका जताई जा रही थी कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर में देखी जा सकती है, लेकिन हाल ही में SBI रिसर्च की रिपोर्ट कहती है कि ये खतरा और करीब आ गया है. रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि भारत में कोविड की तीसरी लहर मध्य अगस्त तक शुरू हो सकती है और इसका पीक सितंबर में आ सकता है.
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में भारत में कोविड मामले लगभग 10,000 तक गिर सकते हैं, लेकिन अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक संक्रमण बढ़ जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे बचने का एकमात्र रास्ता वैक्सीनेशन है. लेकिन वैक्सीनेशन में हमारी स्थिति और खराब है.
भारत में अब तक 35 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगी है, जिसमें से दोनों डोज लेने वाले लोगों की संख्या केवल साढ़े 6 करोड़ है. 130 करोड़ की आबादी वाले देश में केवल 6 करोड़ लोगों के पास वायरस के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा है.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भारत को कोरोना की तीसरी लहर से बचना है, तो अपनी 130 करोड़ आबादी के कम से कम 60 फीसदी हिस्से को वैक्सीन देनी होगी. मतलब कि करीब 78-80 करोड़ लोगों को दिसंबर 2021 तक वैक्सीन की दोनों डोज देनी पड़ेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में औसत 40 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा रही हैं. मतलब कि 86 लाख के टारगेट से 46 लाख कम. 5 जुलाई को जहां 45 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई, तो उससे एक दिन पहले 4 जुलाई को ये आंकड़ा महज 14 लाख था. इन सबके बीच वैक्सीन की कमी की खबरें भी आ रही हैं. हालांकि, सरकार इसके लिए विदेशी वैक्सीन को भी अनुमति देने की प्रक्रिया तेज कर रही है और हाल ही में चौथी वैक्सीन मॉडर्ना को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी गई.
दूसरे देशों से तुलना की जाए, तो worldindata के मुताबिक, कनाडा अपनी 68% आबादी, यूनाइटेड किंगडम 66%, इजरायल 65%, जर्मनी 56% और अमेरिका 54% आबादी को कम से कम वैक्सीन का एक डोज दे चुका है. वहीं, भारत में केवल 20% आबादी को वैक्सीन लगी है.
लेकिन इसके बावजूद, वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए सरकार को और प्रयास करने होंगे. SBI की रिपोर्ट में, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर, सौम्य कांत घोष ने तीसरी लहर की आशंका पर कहा, "वैक्सीनेशन ही एकमात्र जवाब लगता है."
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