Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत में अगस्त में आ सकती है कोविड की थर्ड वेव, सितंबर में पीक : SBI रिपोर्ट

भारत में अगस्त में आ सकती है कोविड की थर्ड वेव, सितंबर में पीक : SBI रिपोर्ट

COVID-19 पर रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई के दूसरे हफ्ते में लगभग 10,000 मामलों देखे जा सकते हैं.

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कोरोनावायरस
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<div class="paragraphs"><p>कोविड कीतीसरी लहर की आशंका</p></div>
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कोविड कीतीसरी लहर की आशंका

(फोटो: Altered by Quint)

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भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर अभी धीमी ही पड़ी थी कि तीसरी लहर की आशंकाओं ने चिंता बढ़ा दी है. हाल ही में आई एक नई रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि कोविड की तीसरी लहर (COVID Third Wave) मध्य अगस्त तक शुरू हो सकती है और इसका पीक सितंबर में आ सकता है. SBI की इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में भारत में कोविड मामले लगभग 10,000 तक गिर सकते हैं, लेकिन अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक संक्रमण बढ़ जाएगा.

SBI रिसर्च की पब्लिश्ड रिपोर्ट 'कोविड -19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन' में कहा गया है कि वैक्सीनेशन इससे बचने का एकमात्र जरिया है, क्योंकि वैश्विक डेटा से पता चलता है कि औसतन, तीसरी लहर के मामले दूसरी लहर के समय पीक मामलों का लगभग 1.7 गुना हैं.

भारत में केवल 4.6 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जबकि 20.8 प्रतिशत को एक खुराक मिली है, जो अमेरिका (47.1 प्रतिशत), यूके (48.7 प्रतिशत), इजराइल (59.8 प्रतिशत) स्पेन (38.5 प्रतिशत), फ्रांस (31.2) में अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है.

"खत्म नहीं हुई दूसरी लहर"

रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा, "भारत ने 7 मई को अपना दूसरा वेव पीक हासिल किया है और मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई के दूसरे हफ्ते में लगभग 10,000 मामलों देखे जा सकते हैं."

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"हालांकि, ऐतिहासिक रुझानों के आधार पर, 21 अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक मामले बढ़ना शुरू हो सकते हैं और पीक एक महीने बाद देखा जा सकता है."
सौम्य कांत घोष, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर

कोविड के मौजूदा मामले अब पिछले हफ्ते से 45,000 के आसपास मंडरा रहे हैं, जो ये दिखाता है कि विनाशकारी दूसरी लहर "अभी तक देश में खत्म नहीं हुई है."

घोष ने कहा, "पहली लहर में भी, मामलों में धीरे-धीरे गिरावट आई, दैनिक मामलों में किसी भी सार्थक गिरावट से पहले 21 दिनों के लिए लगभग 45,000 मामले सामने आए."

इसके अलावा, 12 राज्यों से अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 51 मामलों का पता चला है. टॉप 15 जिलों में नए मामले, जो ज्यादातर शहरी हैं, जून में केस फिर से बढ़े. लेकिन राहत की बात ये है कि तीन महीने से इनकी मृत्यु दर स्थिर है. दूसरी ओर, नए मामलों में ग्रामीण जिलों की हिस्सेदारी जुलाई 2020 से सार्थक रूप से घटने से इनकार कर रही है, जब ये 45% से अधिक हो गई थी और तब से इसमें उतार-चढ़ाव आया है.

घोष ने कहा, "वैक्सीनेशन ही एकमात्र जवाब लगता है."

भारत में तेज वैक्सीनेशन की जरूरत

भारत ने रोजाना 40 लाख से ज्यादा टीकाकरण खुराक देना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने 60 साल से ऊपर की आबादी के बड़े प्रतिशत को पहले ही दोनों वैक्सीन दिए हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कुल टीकाकरण कम है.

तमिलनाडु, पंजाब, उत्तर प्रदेश, असम, बिहार और झारखंड में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के कम अनुपात में टीका लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन राज्यों को वैक्सीनेशन में रफ्तार पकड़ने की जरूरत है.

अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, जापान, पोलैंड, पुर्तगाल, रूस और स्विटजरलैंड में डेल्टा स्ट्रेन का पता चला है, जिसने अप्रैल और मई में दूसरी बार भारत में काफी तबाही मचाई थी. ये यूके में प्रमुख रूप है और 95% मामलों के लिए जिम्मेदार है.

यूके और इजरायल जैसे देश, जहां बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन हुआ है, का उदाहरण देते हुए, घोष ने कहा, "कोई भी वैक्सीन लेने के बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकता है." अन्य उपाय जैसे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है.

(IANS के इनपुट्स के साथ)

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