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केरल हाईकोर्ट में 27 अगस्त को भी कोविड -19 (Covid-19) वैक्सीन के दो डोज के बीच के गैप को कम करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई जारी रही. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से कहा कि दो डोज के बीच अनिवार्य 84 दिन के गैप के कारण ही संभवतः केरल राज्य में कोविड- 19 के मामले बढ़ रहे हैं.
जस्टिस पीबी सुरेश कुमार के सामने याचिकाकर्ता, काइटेक्स ग्रुप के वकील ब्लेज के जोस ने कहा कि,
मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि वैक्सीन का पहला डोज देने पर ही एक व्यक्ति को वायरस के खिलाफ 50-60% इम्युनिटी मिल जा रही है और दो डोज के बीच के अंतर को बढ़ाने के लिए चिकित्सकीय राय इस आधार पर हो सकती है कि इस तरह के गैप से वैक्सीन के प्रभावकारिता में और सुधार हो सकता है.
काइटेक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि उसने पहले ही अपने 5,000 से अधिक कर्मचारियों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया है और दूसरे डोज की व्यवस्था की है लेकिन 84 दिन के अनिवार्य आधिकारिक गैप के कारण कंपनी ऐसा नहीं कर पा रही है.
इससे पहले की सुनवाई में जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने केंद्र सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा कि क्या दो डोज के बीच 84 दिन का अंतर आवश्यक था और यह उसके प्रभावकारिता से संबंधित या कमी के कारण था.
26 अगस्त की सुनवाई में केंद्र सरकार के वकील दया सिंधु श्रीहारी ने अदालटी को सूचित किया कि दो कोविशील्ड डोज के बीच का अंतर एक वैज्ञानिक अध्ययन पर आधारित है और वैक्सीन की प्रभावशीलता के लिए यह गैप रखना आवश्यक था.
केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि वैक्सीन प्रोग्राम के संबंध में सभी निर्णय नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड -19 (NEGVAC) द्वारा लिए जाते हैं और तकनीकी जानकारी राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनआईटीएजी) द्वारा दी जाती है.
बता दें कि केरल में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन 30,000 से अधिक नए कोविड मामले दर्ज किए गये हैं. पिछले 24 घंटों में, राज्य में 32,801 मामले दर्ज किए गए, 18,573 ठीक हुए और 179 मौतें हुईं. इसके साथ, सक्रिय मामलों की संख्या 1,95,254 हो गई है, जबकि टेस्ट पॉजिटिविटी रेट(TPR) 19.22% है.
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