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एक चाइनीज रिसर्चर ने एक अध्ययन के जरिए बताया कि दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में चमगादड़ों (Bats) के बीच फैल रहे नियोकोव (NeoCov) से लोगों को भविष्य में खतरा हो सकता है, अगर इस वायरस ने म्यूटेट किया तो. रिसर्च की मानें तो नियोकोव भी एक तरह का कोरोना वायरस (Corona Virus) ही है.
रिसर्चर ने इस अध्ययन में पाया कि, NeoCoV और उसके करीबी रिश्तेदार- PDF-2180-CoV, कुछ प्रकार के बैट एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम 2 (ACE2) है.
ACE2 को आसान भाषा में समझें तो यह कोशिकाओं (सेल) पर एक रिसेप्टर प्रोटीन है जो कोरोना वायरस को अंदर तक फैलने में मदद करता है.
इस स्टडी पर रिसर्च करने वाला चीनी विज्ञान अकादमी और वुहान विश्वविद्यालय से है.
इस पूरे प्रकरण पर WHO ने कहा कि वो नियोकोव वायरस को लेकर सतर्क है लेकिन इससे लोगों को खतरा है या नहीं इसके लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है.
वहीं डब्ल्यूएचओ ने चीन के रिसर्चर इस अध्ययन को सामने लाने के लिए धन्यवाद दिया है.
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