Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ओमिक्रॉन में रीइंफेक्शन का खतरा ज्यादा, लेकिन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर - WHO

ओमिक्रॉन में रीइंफेक्शन का खतरा ज्यादा, लेकिन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर - WHO

WHO चीफ ने कोरोना वायरस के खिलाफ सतर्कता कम करने के खिलाफ चेतावनी दी.

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कोरोनावायरस
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<div class="paragraphs"><p>Omicron वेरिएंट पर WHO</p></div>
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Omicron वेरिएंट पर WHO

(फोटो: Altered by Quint)

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विश्वस स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से संकेत मिलता है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron COVID Variant) उन लोगों को ज्यादा आसानी से दोबारा इंफेक्ट कर सकता है, जो पहले संक्रमित हो चुके हैं या जिन्हें वैक्सीन लगी है. WHO ने कहा कि हालांकि, इस वेरिएंट से बीमारी उतनी घातक नहीं होगी.

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, WHO के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा, "दक्षिण अफ्रीका के उभरते आंकड़ों से पता चलता है कि ओमिक्रॉन के साथ रीइंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है." WHO चीफ ने कहा कि ऐसे भी कुछ सबूत हैं कि डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन हल्के लक्षणों का कारण बनता है.

टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के उभरते आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन के साथ फिर से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, लेकिन मजबूत निष्कर्ष निकालने के लिए और डेटा की जरूरत है.

भले ही ये पता चले कि ओमिइक्रॉन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, WHO चीफ ने वायरस के खिलाफ सतर्कता कम करने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, "किसी भी लापरवाही से जान को खतरा होगा."

WHO एक्सपर्ट्स ने वैक्सीनेशन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि भले ही वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी साबित हों, जैसा कि कुछ आंकड़ों से संकेत मिलता है, फिर भी उनसे गंभीर बीमारी के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की उम्मीद की जाती है.

WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन के मुताबिक, ये कहना अभी भी जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रॉन वैक्सीन की प्रभावशीलता में उल्लेखनीय कमी ला सकता है.

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फाइजर का दावा- बूस्टर शॉट देता है सुरक्षा

ओमिक्रॉन के खिलाफ अपनी वैक्सीन के असर को लेकर बायोएनटेक और फाइजर प्रोड्यूसर्स ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि वैक्सीन की दोनों खुराक एंटीबॉडी को थोड़ा कम विकसित करती हैं, लेकिन तीसरी खुराक (बूस्टर डोज) से व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी 25 प्रतिशत और बढ़ जाता है. कुल मिलाकर वैक्सीन के तीसरी डोज लगाते ही शरीर में ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए एंटीबॉडी सक्षम हो जाती है.

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