Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Cronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019COVID-19: क्या होगा अगर दूसरी डोज अलग कोरोना वैक्सीन की लग जाए?

COVID-19: क्या होगा अगर दूसरी डोज अलग कोरोना वैक्सीन की लग जाए?

Vaccine की पहली डोज Covishield की लगी हो और दूसरी डोज में Covaxin दे दी जाए, तो क्या होगा?

प्रियंका रुद्रपा
कोरोना-वायरस
Updated:
<div class="paragraphs"><p>पहली डोज Covishield की और दूसरी डोज Covaxin की लग जाए, तो क्या होगा?</p></div>
i

पहली डोज Covishield की और दूसरी डोज Covaxin की लग जाए, तो क्या होगा?

(फोटो: फिट)

advertisement

फिट से बात करने वाले सभी विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह के मामले में सुरक्षा और साइड इफेक्ट को लेकर कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है. लेकिन, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि कॉम्बो डोज (दो अलग कोरोना वैक्सीन की डोज) को लेकर अभी कोई स्टडी पूरी नहीं हुई है.

वहीं एक प्रेस ब्रीफिंग में केंद्र की ओर से भी कहा गया है कि अगर किसी को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज पहली डोज से अलग लग गई है, तो भी किसी तरह के प्रतिकूल प्रभाव की संभावना न के बराबर है.

COVID-19 वैक्सीन के लिए बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के अध्यक्ष डॉ वीके पॉल ने कहा, "ये स्पष्ट है कि हम दूसरी डोज भी पहली डोज में इस्तेमाल हुई वैक्सीन की ही दे रहे हैं. हमारा प्रोटोकॉल बिल्कुल साफ है कि जिस वैक्सीन की पहली डोज दी जाती है, उसकी ही दूसरी डोज देनी है. लेकिन अगर दूसरी डोज अलग कोरोना वैक्सीन की लग भी जाए, तो शायद कोई खास प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है."

हालांकि डॉ वीके पॉल के मुताबिक वैक्सीन मिक्स-अप के असर को समझने के लिए हमें अधिक वैज्ञानिक जांच होने का इंतजार करना होगा.

क्या वैक्सीनेशन के लिए दो डोज में दो अलग-अलग कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकता है? क्या इस तरह वैक्सीन का मिक्स-अप काम करेगा? क्या ये ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है? जानिए एक्सपर्ट्स की क्या राय है.

क्या होगा अगर दूसरी डोज अलग कोरोना वैक्सीन की लग जाए?

"यह एक अजीब मिश्रण है!" इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ सत्यजीत रथ कहते हैं, हालांकि, इस "मिक्सिंग" से किसी भी भयानक परिणाम की आशंका का कोई कारण नहीं है.

वैक्सीन दवाई नहीं है, इसकी बजाए ये शरीर से लक्षित प्रतिक्रियाएं पैदा करती है. टीकों को मिलाने से आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है. आखिर हम बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शिशुओं को एक साथ कई टीके देते हैं.
डॉ सत्यजीत रथ, इम्यूनोलॉजिस्ट

सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के पूर्व डायरेक्टर और अब सलाहकार डॉ राकेश मिश्रा ने कहा कि यह "आपदा" नहीं है और यह "हानिकारक" नहीं है. हालांकि, वह सावधान भी करते हैं.

डॉ मिश्रा कहते हैं, “टीकों के मिश्रण की आम तौर पर अनुमति नहीं है. तो, यह स्पष्ट रूप से एक गलती है. सिर्फ इसलिए कि हम इसकी एफिकेसी के बारे में नहीं जानते हैं.”

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

Vaccine Mix-Up: अगर यह हानिकारक नहीं है, तो समस्या क्या है?

विशेषज्ञों का कहना है कि यह ऐसा कुछ है, जिससे बचना चाहिए था क्योंकि हम परिणाम नहीं जानते हैं और इसका समर्थन करने के लिए कोई डेटा नहीं है. इसलिए, यह एक भ्रमित करने वाली स्थिति बन सकती है कि किस प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.

वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब जॉन ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था क्योंकि COVID वैक्सीन की मिक्सिंग पर कोई स्टडी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इसे संबोधित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है.

डॉ रथ को लगता है कि उचित प्रक्रिया के मद्देनजर, ऐसा कोई संयोजन देना गलत है, जिसे रेगुलेटरी सिस्टम ने मंजूर नहीं किया है.

हमें सबूत और रेगुलेटरी मंजूरी के बिना ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए या अनजाने में भी ऐसा नहीं होने देना चाहिए.
डॉ सत्यजीत रथ, इम्यूनोलॉजिस्ट

डॉ मिश्रा कहते हैं कि हमें वैक्सीन प्रोटोकॉल के साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए. “जो मानक तय किए गए हैं, वह ट्रायल के नतीजों पर आधारित हैं. चाहे वह वैक्सीन की डोज हो या दो डोज के बीच का गैप. नहीं तो, हमें वो नतीजे नहीं मिल सकते, जो हम जानते हैं."

क्या वैक्सीन की मिक्सिंग बेहतर काम करेगी?

एक्सपर्ट्स का जवाब है, "हम नहीं जानते." ऐसा इसलिए है क्योंकि अब तक कोई ट्रायल नहीं किया गया है.

डॉ रथ ने कहते हैं, "मेरा अनुमान है कि मिक्सिंग से भी सुरक्षा मिलेगी, लेकिन बिना सबूत और रेगुलेटरी अप्रूवल के इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए."

भले ही यह कोई हानिकारक स्थिति नहीं है और निश्चित रूप से टीकाकरण न करने से बेहतर है, यह शायद उतना अच्छा नहीं होगा जितना कि वैक्सीन की उचित खुराक के साथ पूरी तरह से टीका लगाया जाना होता है.

क्या भारत को वैक्सीन डोज मिक्सिंग पर अमल करना चाहिए?

वैक्सीन आपूर्ति में देरी और सुरक्षा चिंताओं के कारण बहुत सारे देश दूसरी खुराक के लिए अलग-अलग COVID वैक्सीन पर स्विच करना चाह रहे हैं.

स्पेन में हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लोगों को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और फाइजर-बायोएनटेक दोनों की COVID वैक्सीन लगाने से वायरस के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा होती है.

कई यूरोपीय देश अनुशंसा कर रहे हैं कि जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी, वे दूसरी खुराक किसी अन्य वैक्सीन की लें.

वैक्सीन की भारी कमी का सामना कर रहे भारत को भी सक्रिय रूप से मिक्स-एंड-मैच पर विचार करना चाहिए? विशेषज्ञ कहते हैं, "नहीं".

डॉ मिश्रा कहते हैं,

“नहीं, मैं वैक्सीन की कमी के कारण इस तरह की मिक्सिंग का सुझाव नहीं दूंगा. यह फैसला वैज्ञानिक आंकड़ों पर किया जाना चाहिए. आप इसके साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते.”

डॉ मिश्रा के मुताबिक वैक्सीन की कमी के कारण जानबूझकर ये चीजें करना ठीक नहीं है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 28 May 2021,09:39 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT