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वाराणसी लोकसभा सीट पर भीम आर्मी करेगी तेज बहादुर यादव का प्रचार

चंद्रशेखर इस हफ्ते के अंत तक वाराणसी पहुंचकर वहां प्रचार अभियान में जुटेंगे

क्विंट हिंदी
चुनाव
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चंद्रशेखर इस हफ्ते के अंत तक वाराणसी पहुंचकर वहां प्रचार अभियान में जुटेंगे
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चंद्रशेखर इस हफ्ते के अंत तक वाराणसी पहुंचकर वहां प्रचार अभियान में जुटेंगे
(फोटो: Altered by Quint Hindi)

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भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने ऐलान किया है कि वह वाराणसी लोकसभा सीट पर एसपी-बीएसपी गठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का प्रचार करेंगे. तेज बहादुर यादव वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में हैं.

इससे पहले चंद्रशेखर ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने की बात कही थी. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उनका संगठन एसपी-बीएसपी गठबंधन को सपोर्ट करेगा.

साल 2017 में बीएसएफ के जवानों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी को लेकर शिकायत करने वाले जवान तेज बहादुर यादव पहले निर्दलीय लड़ रहे थे. बाद में अखिलेश यादव ने उनको एसपी का कैंडिडेट घोषित कर दिया. 

कौन हैं तेज बहादुर यादव?

तेज बहादुर ने सेना के जवानों को मिलने वाले खाने को सोशल मीडिया के जरिए दिखाया था. इस वीडियो में उन्होंने फोर्स के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए थे. इसी वीडियो को लेकर तेज बहादुर सुर्खियों में आ गए थे.

इस मामले पर काफी विवाद हुआ था. बाद में पीएमओ ने इस मामले का संज्ञान लिया था. वहीं, बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया था.

तेज बहादुर मूल तौर पर हरियाणा में महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और फिलहाल रेवाड़ी में अपने परिवार के साथ रहते हैं.

BSF ने किया था बर्खास्त

तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ में रहते हुए साल 2017 में जवानों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी पर वीडियो जारी किया था, जिसमें वह कह रहे हैं, ''मैं चाहता हूं ये वीडियो पूरे देश तक पहुंचे, ताकि लोगों को पता चल सके कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्याचार कर रहे हैं. हम किसी सरकार को कोई दोष नहीं देना चाहते, क्योंकि सरकार हर सामान जवानों को देती है लेकिन बड़े अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं. ऐसे हालात हैं कि कई बार जवानों को भूखे पेट भी सोना पड़ता है.''

तेज बहादुर ने बताया था कि जवानों को सुबह के नाश्ते में सिर्फ एक पराठा और चाय के साथ मिलता है. उन्होंने बताया था कि दोपहर के खाने में जो दाल मिलती है, उसमें सिर्फ हल्दी और नमक होता है.

तेज बहादुर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद पीएमओ को इस मामले पर संज्ञान लेना पड़ा. हालांकि बाद में बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को सेवा से बर्खास्त कर दिया था.

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