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मोदी के खिलाफ लड़ रहे तेज बहादुर को नोटिस, रद्द हो सकता है नामांकन

वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो सकता है.

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वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो सकता है. तेज बहादुर पर नामांकन के दौरान हलफनामे में नौकरी से बर्खास्तगी को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप है. साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि तेज बहादुर ने दो बार नामांकन किया है, दोनों बार के नामांकन में दी गई जानकारी में अंतर है. अब आयोग ने उनसे बुधवार को 11 बजे तक जवाब मांगा है.

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साफ जाहिर है कि दबाव के कारण मेरे साथ ऐसा हो रहा है. रिटर्निंग ऑफिसर पर दबाव डालकर नामांकन रुकवाया जा रहा है. मोदीजी को सीधा-सीधा खतरा है कि अब असली चौकीदार मात देगा, इसलिए ऐसा हो रहा है.
तेज बहादुर यादव

कौन हैं तेज बहादुर यादव?

तेज बहादुर ने सेना को मिलने वाले खाने को सोशल मीडिया के जरिए दिखाया था. इस वीडियो में उन्होंने फोर्स के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए थे. इसी वीडियो को लेकर तेज बहादुर सुर्खियों में आ गए थे. इस मामले पर काफी विवाद हुआ था. बाद में पीएमओ ने इस मामले का संज्ञान लिया था. वहीं, बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया था. तेज बहादुर मूल तौर पर हरियाणा में महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और फिलहाल रेवाड़ी में अपने परिवार के साथ रहते थे.

बीएसएफ ने किया था बर्खास्त

तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ में रहते हुए साल 2017 में जवानों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी पर सवाल उठाए थे. तेज बहादुर ने वीडियो जारी किया था, जिसमें वह कह रहे हैं, 'मैं चाहता हूं ये वीडियो पूरे देश तक पहुंचे, ताकि लोगों को पता चल सके कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्याचार कर रहे हैं. हम किसी सरकार को कोई दोष नहीं देना चाहते, क्योंकि सरकार हर सामान जवानों को देती है लेकिन बड़े अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं. ऐसे हालात हैं कि कई बार जवानों को भूखे पेट भी सोना पड़ता है.'

तेज बहादुर ने बताया था कि जवानों को सुबह के नाश्ते में सिर्फ एक पराठा और चाय के साथ मिलता है. उन्होंने बताया था कि दोपहर के खाने में जो दाल मिलती है उसमें सिर्फ हल्दी और नमक होता है.

तेज बहादुर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद पीएमओ को इस मामले पर संज्ञान लेना पड़ा. हालांकि, बाद में बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को सेवा से बर्खास्त कर दिया था.

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