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पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के बिहार में धड़ाधड़ कार्यक्रम. एक मंत्री की वोटरों को सीधी धमकी और चुनाव आयोग के निर्देश. बिहार चुनाव 2020 से जुड़े अपडेट्स पढ़ने की इससे बढ़िया जगह कोई नहीं. तो रहीं Quint बिहार चुनाव के इस एडिशन की पांच खबरें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को 516 करोड़ की लागत से तैयार कोसी महासेतु (Kosi Mahasetu) का उद्घाटन किया. साथ ही पीएम सुपौल के सरायगढ़ से आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन भी रवाना करेंगे. इससे कोसी क्षेत्र से मिथिलांचल का सीधा रेल रूट से जुड़ाव हो जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शुक्रवार को पटना के अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का उद्घाटन करने जा रहे हैं. उद्घाटन के साथ ही आईएसबीटी से फेज-1 में बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा. इस योजना की लागत 339 करोड़ 22 लाख है. पटना के आईएसबीटी के साथ ही वो चार अन्य जिलों के बस स्टैंडों का भी उद्घाटन करेंगे. इनमें औरंगाबाद, आरा, झाझा और नवादा के बस स्टैंड शामिल हैं.
इससे पहले पीएम ने रविवार को पेट्रोलियम मंत्रालय की 901 करोड़ की तीन योजनाओं का उद्घाटन किया था.
बिहार सरकार में खान और भूतत्व मंत्री और कैमूर की चैनपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक बृजकिशोर बिंद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रहा है. चुनाव के लिए जारी जनसंपर्क के दौरान बिंद लोगों से ये कह रहे हैं कि अगर वे चुनाव हार गए तो इलाके में अकाल पड़ना तय है.
उनके विरोधियों ने इसे जनता को धमकी बताते हुए कहा है कि अगर उन्होंने विकास किया होता तो जनता को धमकी देने की नौबत ही नहीं आती. हालांकि, ब्रजकिशोर बिंद ने कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग से पेश किया जा रहा है.
पिछले साल भी वो चर्चा में आए थे जब उन्होंने शिव और हनुमान को बिंद जाति का बताया था.
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय कर दी है. चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी प्रत्याशी दस हजार रुपये कैश और 28 लाख से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है.
इससे पहले चुनाव आयोग ने खर्च बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजा था. कारण ये बताया गया कि कोरोना की वजह से चुनाव प्रचार के दौरान मास्क और सैनिटाइजेशन की जरूरतों को देखते हुए खर्च ज्यादा होगा.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद रामकृपाल यादव ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की योग्यता और नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि जो नेता होता है, उसके अंदर लोगों को साथ लेकर चलने की ताकत होती है. वो लीड कर सकता है. तेजस्वी में ये गुण नहीं हैं. उनकी एकमात्र याेग्यता पार्टी सुप्रीमो लालू यादव का बेटा होना है.
आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत के बाद सियासी बयानों का दौर जारी है. केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि उनके साथ आरजेडी ने बहुत बुरा किया. ऐसा आदमी जो जिंदगी भर पार्टी का वफादार रहा, उसको जीवन के अंतिम समय दरकिनार करने की कोशिश की गई. आरजेडी को शर्मिंदा होना चाहिए कि उसने रघुवंश बाबू का इस तरह अपमान किया.
इसके पहले भी कई राजनेताओं ने रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत काे लेकर लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार और उनकी पार्टी को घेरा है. 'हम' प्रमुख जीतनराम मांझी ने रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत के लिए लालू यादव को जिम्मेदार बताते हुए पूछा कि अपने बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव को स्थापित करने के लिए वे और कितने लोगों की बलि लेंगे?
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