बिहार की महिला उद्यमियों के साथ चुनावी चौपाल

बिहार: जो महिलाएं चला रही हैं स्टार्टअप, उन्हें कैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है?

कौशिकी कश्यप
बिहार चुनाव
Published:
बिहार की ‘आत्मनिर्भर’ महिला उद्यमियों की चुनाव से क्या हैं उम्मीदें?
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बिहार की ‘आत्मनिर्भर’ महिला उद्यमियों की चुनाव से क्या हैं उम्मीदें?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई

“बिहार में काम करने के बारे में सोचना मुश्किल था, क्योंकि लड़कियों के लिए माहौल सुरक्षित नहीं था. मैंने मुंबई में अपना काम शुरू किया था लेकिन 2 साल पहले पटना में भी अपनी फिल्म-फोटोग्राफी की ब्रांच खोल ली है, माहौल और लोगों की सोच में बदलाव आया है.”
प्रीति कंठलाल

प्रीति मुंबई से वापस लौटकर पटना में फिल्म और फोटोग्राफी फर्म चला रही हैं.

बिहार महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष और एंटरप्रेन्योर उषा झा करीब 30 साल से मिथिला पेंटिंग की कला को अपने तरीके से संरक्षित करने में लगी हैं. उन्होंने 1991 में पटना में अपने घर से ‘पेटल्स क्राफ्ट’ नाम से कंपनी की शुरुआत की. मिथिला पेंटिंग को किस तरह से कमर्शियलाइज किया जाए, ताकि इससे महिलाएं कमाई कर अपने सशक्तिकरण का रास्ता खोल सकें, इसे लेकर वो लगातार काम कर रही हैं.

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जनक किशोरी अपना अनुभव बताती हैं कि कैसे जब उन्होंने घर में मशरूम उगाना शुरू किया तो उनकी हंसी उड़ाई गई लेकिन आज कई महिलाएं उनके साथ जुड़ना चाहती हैं और काम सीखना चाहती हैं. जनक किशोरी महिलाओं को ट्रेनिंग भी दे रही हैं.

बिहार चुनाव 2020 को लेकर क्विंट के चुनावी चौपाल में स्टार्टअप चला रही महिलाएं, अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी महिला उद्यमियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने खुद के रास्ते में आई चुनौतियों, राजनीति में महिलाओं की भागीदारी, सरकार के कामकाज और विधानसभा चुनाव से अपनी उम्मीदों पर खुलकर बातचीत की.

देखिए पटना से क्विंट का ये चुनावी चौपाल.

आपको बता दें, कोरोना के बीच बिहार में चुनावी प्रचार जारी है. बिहार विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से तीन चरणों में होगा. 28 अक्टूबर के बाद तीन नवंबर और सात नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे की घोषणा 10 नवंबर को होगी.

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