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आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Election) में 90 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव होंगे. 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को 70 सीटों पर वोटिंग होनी है. राज्य में चुनावी मौसम का आगमन तीखी बयानबाजी, कल्याणकारी स्कीम, करोड़ों रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास करने के वादे से हुआ. मुख्य पार्टियों के रूप में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों चुनावी तैयारियों में जी-जान से जुटी हैं. वहीं, AAP ने 2018 के बाद दूसरी बार चुनावी दंगल में ताल ठोका है.
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस शासित सरकार को बीजेपी के रमन सिंह कड़ी चुनौती दे रहे हैं. रमन सिंह दिसंबर 2003 से दिसंबर 2018 तक, यानी 15 साल तक लगातार तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
25 अक्टूबर को, बीजेपी की छत्तीसगढ़ इकाई ने सोशल मीडिया 'X' पर एक कैरिकेचर शेयर किया, जिसमें बघेल को रावण के रूप में दिखाया गया था. अपने पोस्ट में बीजेपी ने कहा "इस बार भ्रष्टाचार का रावण जलाया जाएगा."
इसपर सीएम बघेल ने चुटकी ली. उन्होंने कहा...
इस सप्ताह की शुरुआत में सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सत्ता में आने पर कृषि लोन माफ करने का अपना वादा दोहराया. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी सरकार ने पिछले पांच साल में कल्याणकारी योजनाओं पर 1.75 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
इस बार छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस के सामने एंटी इनकमबेंसी चुनौती है. इसी बीच मार्च में राज्य सरकार ने 2,500 रुपये सीधे बेरोजगार शिक्षित युवाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर करने की घोषणा की. इस योजना के लिए 250 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे.
ऐसे में 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले आइए एक नजर डालते हैं कि राज्य में बेरोजगारी की क्या स्थिति है?
इन आंकड़ों का हवाला देते हुए, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में कम बेरोजगारी दर के लिए "शहरी-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने और नए रोजगार के अवसर पैदा करने वाली राज्य सरकार की योजनाओं" को वजह बताया.
एक और महत्वपूर्ण फैक्ट यह भी है कि जब अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में 23.5% की उच्च बेरोजगारी दर थी, तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम दर्ज की गई थी. CMIE के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में उन 12 महीने में सबसे कम 3.4% बेरोजगारी दर्ज रिकॉर्ड की गई थी.
उस समय, RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महामारी और उसके परिणामस्वरूप लॉकडाउन के दौरान प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में अग्रणी रहने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की थी.
छत्तीसगढ़ में धान की बढ़ी हुई बुआई को “घनी निराशा के बीच चमक” बताते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान के ही अनुसार, खाद्यान्न भंडार बढ़ाने के इन प्रयासों से भारत की अर्थव्यवस्था को 2021-22 में तेज वी-आकार की रिकवरी करने में मदद मिलेगी.
सितंबर 2019 से छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी लगातार घटी है. जब राज्य में बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थी, उस समय रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार राज्य की सत्ता में थी.
पिछले साल अक्टूबर में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी को 'हराने' की स्कीम का मुख्य रूप से जिक्र किया था. कांग्रेस ने ऋण-माफी और समर्थन मूल्य में वृद्धि, जैसी राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई स्कीम का हवाला देकर कहा कि राज्य में बेरोजगारी में कमी इसी वजह से आई है. कांग्रेस के अनुसार, राज्य सरकार ने बेरोजगारी खत्म करने के लिए ये कदम उठाए थे...
कृषि से रोजगार के लाखों अवसर पैदा हुए, किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 26 लाख हुई.
लघु वनोपजों (Forest Produce) की संग्रहण दर में वृद्धि और 65 प्रकार के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी
तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक दर में वृद्धि की गई
मत्स्य पालन और लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया गया
पारंपरिक कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों को बढ़ावा देना
विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की भर्ती की गई
गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गौमूत्र की खरीदी शुरू की गई है. खरीदे गए गोमूत्र से खाद और कीटनाशक बनाए जाएंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
गांवों में बने गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क में उन्नत किया जा रहा है, जहां तेल मिल, दाल मिल, मिनी राइस मिल जैसी प्रसंस्करण इकाइयां (प्रोसेसिंग यूनिट्स) स्थापित की जा रही हैं.
सरकार ने 5,000 से अधिक बेरोजगार इंजीनियरों का रजिस्टर्ड किया है. इनमें से 1500 युवाओं को करीब 200 करोड़ रुपये का काम दिया गया
मनरेगा के तहत 26 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए गए. इसी तरह 14 लाख परिवारों को हर साल जंगल से काम मिल रहा है.
'बेरोजगार युवाओं के बैंक खातों में सीधे 147 करोड़ रुपये ट्रांसफर'
'बेरोजगारी भत्ता योजना' के तहत, 18 से 35 साल की आयु के बेरोजगार युवा, जिन्होंने 12वीं कक्षा पास की है और जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.50 लाख से कम है, वे 2,500 रुपये प्रति महीने भत्ते के हकदार हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड ने छत्तीसगढ़ सरकार के एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि 30 अगस्त को राज्य के 129,000 से अधिक रजिस्टर्ड बेरोजगार युवाओं के बैंक खातों में पांचवीं किस्त के रूप में 34.55 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए.
रिपोर्ट के अनुसार, बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे छत्तीसगढ़ में बेरोजगार व्यक्तियों को 146.98 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं. सीएम बघेल ने आगे बताया...
बघेल ने कहा कि राज्य भर में प्लेसमेंट कैंप आयोजित किए जा रहे हैं और इस पहल के माध्यम से लगभग 6,700 लोग नौकरी और स्वरोजगार से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से 4,718 युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है.
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त 2023 तक, लगभग 7,200 युवा व्यावसायिक कॉलेजों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कौशल प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि अन्य 1,782 का परीक्षण जल्द शुरू होगा.
इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 26,000 रुपये की विकास परियोजनाएं शुरू कीं. 3 अक्टूबर को बस्तर के नगरनार में एनएमडीसी के स्टील प्लांट को राष्ट्र को समर्पित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा...
केंद्रीय श्रम मंत्रालय की ओर से तैयारी की गई रिपोर्ट रोजगार विनिमय सांख्यिकी 2023 के अनुसार, छत्तीसगढ़ के लगभग 1900 नौकरी के इच्छुक युवाओं ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया है. उनमें से 185 अनुसूचित जाति समुदाय से हैं, 407 अनुसूचित जाति समुदाय से हैं, जबकि 473 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं. आंकड़ों के मुताबिक, उनमें से किसी को भी नौकरी नहीं मिली है.
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