Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Gujarat election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गुजरात चुनाव: पाटीदारों के गढ़ वराछा में 2 बार जीती BJP, अबकी त्रिकोणीय मुकाबला?

गुजरात चुनाव: पाटीदारों के गढ़ वराछा में 2 बार जीती BJP, अबकी त्रिकोणीय मुकाबला?

Gujarat Chunav 2022: 2012 से लगातार बीजेपी ने इस सीट पर जीत पक्की की है लेकिन इस बार आप के उम्मीदवार भी रेस में हैं.

प्रतीक वाघमारे
गुजरात चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>Gujarat Election: सूरत की वराछा सीट पर बीजेपी मजबूत, कांग्रेस-आप की क्या स्थिति?</p></div>
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Gujarat Election: सूरत की वराछा सीट पर बीजेपी मजबूत, कांग्रेस-आप की क्या स्थिति?

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Elections) में पहले चरण में 89 सीटों पर 1 दिसंबर को वोट डाले जाने हैं. इस दौरान सूरत (Surat) में भी वोटिंग होगी और यहां की वराछा रोड (Varachha Road Assembly Constituency) सीट पर भी मतदान होगा. वारछा सीट बीजेपी (BJP) के पास रही है. लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने मजबूत उम्मीदवार को उतारा है और कांग्रेस (Congress) ने भी इस बार अपना उम्मीदवार बदल दिया है. ऐसे में समझते हैं कि इस बार यहां क्या सियासी समीकरण हैं?

वोटरों की संख्या

सूरत की वराछा रोड विधानसभा सीट का आंकड़ा

  • कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 16 हजार 528 है.

  • इसमें से 80% मतदाता लेवा पटेल समाज से आते हैं.

  • 1 लाख 21 हजार 480 पुरुष मतदाता है

  • 95,042 महिला मतदाता है

  • अन्य मतदाता की संख्या 6

वराछा में अब तक केवल दो विधानसभा चुनाव हुए 

सूरत शहर की वराछा विधानसभा सीट 2008 में हुए विधानसभा क्षेत्र सीमांकन के बाद अस्तित्व में आई थी. वराछा सीट सूरत जिले की पाटीदार बाहुल्य सीट है. यहां पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा भी भड़की थी.

यहां पहली बार 2012 में विधानसभा चुनाव हुए थे जो बीजेपी ने जीता था और तब से यह बीजेपी का गढ़ बन गया है.

इस बार इन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला

  • बीजेपी ने एक बार फिर किशोर भाई कानानी को अपना उम्मीदवार बनाया है

  • कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलकर इस बार प्रफुल तोगड़िया को टिकट दिया

  • आम आदमी पार्टी ने पाटीदार आंदोलन के बड़े चेहरे अल्पेश कथीरिया को मैदान में उतारा

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पिछले चुनावों के क्या रहे नतीजे?

2017 विधानसभा चुनाव

गुजरात के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता किशोर भाई कानानी ने 2017 के चुनाव में 68,472 वोट से जीत दर्ज की थी. वहीं पाटीदार समाज से आने वाले कांग्रेस के धीरू भाई गजेरा ने 54,474 वोट हासिल किए थे. किशोर भाई कानानी 13,988 के मार्जिन से जीते थे. बीजेपी को 55.16% वोट मिला था और कांग्रेस को 43.88% वोट. निर्दलीय और अन्य पार्टियों ने मिलकर करीब 1200 वोट हालिस किए थे.

2012 विधानसभा चुनाव

इससे पहले 2012 में भी यही स्थिति थी. तब बीजेपी के किशोर भाई कानानी को 68,529 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के धीरू भाई गजेरा को 48,170 वोट मिले थे. तब कानानी 20,359 वोटों से जीते थे. वोट शेयर की बात करें तो कानानी के हिस्से में 53.8% वोट आए थे और कांग्रेस के खाते में 37.81% वोट. निर्दलीय और अन्य पार्टियों ने मिलकर 10,686 वोट हासिल किए थे.

वराछा में बीजेपी, कांग्रेस और आप, तीनों का यहां क्या है हाल? 

पाटीदारों के गढ़ वराछा में बीजेपी लगातार जीतते आई है. गुजरात में नोटबंदी और जीएसटी ने कई लोगों और व्यापारियों को परेशान किया फिर पाटीदारों के आरक्षण को लेकर भी जमकर प्रदर्शन हुआ, हिंसा तक भड़क गई थी. तब लग रहा था कि 2017 के चुनाव में मतदाता बीजेपी को सबक सिखाएंगे लेकिन वोटिंग के वक्त लोगों में न तो आंदोलन की आग थी और न ही जीएसटी के लागू होने का गम.

लेकिन आम आदमी पार्टी की एंट्री से चुनाव त्रिकोणीय है और बीजेपी ने इस सीट पर अपना फोकस बनाए रखा.

वराछा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य रोड शो किया. साथ में सूरत की सांसद और केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश भी मौजूद रहीं. इसके अलावा सूरत के इस क्षेत्र से प्रत्याशी और पूर्व मंत्री किशोर कनाणी, कांति बलार, के साथ दूसरे उम्मीदवार भी रोड शो में मौजूद रहे.

आम आदमी पार्टी भी गुजरात चुनाव में जोर लगा रही है. सूरत में हुए निगर निगम के चुनाव में आप ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी. पार्टी यहां आक्रामक रूप से डोर टू डोर कैंपेन भी कर रही है. अब देखना ये होगा कि सूरत जिले की वराछा सीट पर सूरत फैक्टर कितना प्रभाव डालेगा.

आम आदमी पार्टी ने पाटीदारों के गढ़ में वोट हासिल करने के लिए पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया को टिकट दिया है. अल्पेश 2015 में हार्दिक पटेल की अगुवाई में गुजरात में शुरू हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे हैं. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता और हार्दिक पटेल के बेहद करीबी भी माने जाते हैं.

कांग्रेस को लेकर एक ही चर्चा कि यह पार्टी मैदान पर नहीं नजर आ रही. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पार्टी के पास फंड की कमी है. हालांकि कांग्रेस से जुड़े नेताओं का कहना है कि पार्टी अपने तरीके से प्रचार कर रही है.

सूरत में कांग्रेस अपने घोषणा पत्र के आधार पर ही डोर टू डोर प्रचार कर रही है. कांग्रेस ने सूरत में कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदल दिया है. वराछा से इस बार प्रफुल तोगड़िया को टिकट दिया है. साथ ही पार्टी अपने स्टार प्रचारकों के साथ सूरत में प्रचार कर रही है.

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