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गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Elections) में पहले चरण में 89 सीटों पर 1 दिसंबर को वोट डाले जाने हैं. इस दौरान सूरत (Surat) में भी वोटिंग होगी और यहां की वराछा रोड (Varachha Road Assembly Constituency) सीट पर भी मतदान होगा. वारछा सीट बीजेपी (BJP) के पास रही है. लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने मजबूत उम्मीदवार को उतारा है और कांग्रेस (Congress) ने भी इस बार अपना उम्मीदवार बदल दिया है. ऐसे में समझते हैं कि इस बार यहां क्या सियासी समीकरण हैं?
सूरत की वराछा रोड विधानसभा सीट का आंकड़ा
कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 16 हजार 528 है.
इसमें से 80% मतदाता लेवा पटेल समाज से आते हैं.
1 लाख 21 हजार 480 पुरुष मतदाता है
95,042 महिला मतदाता है
अन्य मतदाता की संख्या 6
सूरत शहर की वराछा विधानसभा सीट 2008 में हुए विधानसभा क्षेत्र सीमांकन के बाद अस्तित्व में आई थी. वराछा सीट सूरत जिले की पाटीदार बाहुल्य सीट है. यहां पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा भी भड़की थी.
बीजेपी ने एक बार फिर किशोर भाई कानानी को अपना उम्मीदवार बनाया है
कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलकर इस बार प्रफुल तोगड़िया को टिकट दिया
आम आदमी पार्टी ने पाटीदार आंदोलन के बड़े चेहरे अल्पेश कथीरिया को मैदान में उतारा
गुजरात के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता किशोर भाई कानानी ने 2017 के चुनाव में 68,472 वोट से जीत दर्ज की थी. वहीं पाटीदार समाज से आने वाले कांग्रेस के धीरू भाई गजेरा ने 54,474 वोट हासिल किए थे. किशोर भाई कानानी 13,988 के मार्जिन से जीते थे. बीजेपी को 55.16% वोट मिला था और कांग्रेस को 43.88% वोट. निर्दलीय और अन्य पार्टियों ने मिलकर करीब 1200 वोट हालिस किए थे.
इससे पहले 2012 में भी यही स्थिति थी. तब बीजेपी के किशोर भाई कानानी को 68,529 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के धीरू भाई गजेरा को 48,170 वोट मिले थे. तब कानानी 20,359 वोटों से जीते थे. वोट शेयर की बात करें तो कानानी के हिस्से में 53.8% वोट आए थे और कांग्रेस के खाते में 37.81% वोट. निर्दलीय और अन्य पार्टियों ने मिलकर 10,686 वोट हासिल किए थे.
पाटीदारों के गढ़ वराछा में बीजेपी लगातार जीतते आई है. गुजरात में नोटबंदी और जीएसटी ने कई लोगों और व्यापारियों को परेशान किया फिर पाटीदारों के आरक्षण को लेकर भी जमकर प्रदर्शन हुआ, हिंसा तक भड़क गई थी. तब लग रहा था कि 2017 के चुनाव में मतदाता बीजेपी को सबक सिखाएंगे लेकिन वोटिंग के वक्त लोगों में न तो आंदोलन की आग थी और न ही जीएसटी के लागू होने का गम.
लेकिन आम आदमी पार्टी की एंट्री से चुनाव त्रिकोणीय है और बीजेपी ने इस सीट पर अपना फोकस बनाए रखा.
आम आदमी पार्टी भी गुजरात चुनाव में जोर लगा रही है. सूरत में हुए निगर निगम के चुनाव में आप ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी. पार्टी यहां आक्रामक रूप से डोर टू डोर कैंपेन भी कर रही है. अब देखना ये होगा कि सूरत जिले की वराछा सीट पर सूरत फैक्टर कितना प्रभाव डालेगा.
कांग्रेस को लेकर एक ही चर्चा कि यह पार्टी मैदान पर नहीं नजर आ रही. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पार्टी के पास फंड की कमी है. हालांकि कांग्रेस से जुड़े नेताओं का कहना है कि पार्टी अपने तरीके से प्रचार कर रही है.
सूरत में कांग्रेस अपने घोषणा पत्र के आधार पर ही डोर टू डोर प्रचार कर रही है. कांग्रेस ने सूरत में कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदल दिया है. वराछा से इस बार प्रफुल तोगड़िया को टिकट दिया है. साथ ही पार्टी अपने स्टार प्रचारकों के साथ सूरत में प्रचार कर रही है.
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