ADVERTISEMENT

गुजरात में क्या है जनता का मूड? ग्राउंड पर कवरेज करने वाले रिपोर्टरों से जानिए

Gujarat Election में पाटीदार समुदाय इस बार किसके साथ? AAP, AIMIM का क्या है हाल?

Published

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

ADVERTISEMENT

गुजरात (Gujarat) में 182 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. 1 और 5 दिसंबर को वोटिंग हैं. मौजूदा राजनीतिक हालात को समझने के लिए गुजरात में चुनावी कवरेज कर रहे क्विंट के रिपोर्टर से हमने खास बातचीत की. जानिए क्या है जमीनी मुद्दे, गुजरात मॉडल का हकीकत, कांग्रेस और बीजेपी का इतिहास. क्या आम आदमी पार्टी रेस में है?

ADVERTISEMENT

बता दें कि मध्य गुजरात में 61 सीटें हैं. वहीं सौराष्ट्र क्षेत्र में गुजरात विधानसभा की 182 में से 48 सीटे आती हैं. यह सीटों के नजरिए से प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है. 

जाति का कितना असर

जाति की बात करें तो गुजरात में पाटीदार समुदाय किंगमेकर की भूमिका में रहता है. गुजरात में करीब 15 फीसदी आबादी आदिवासी है और करीब 12 फीसदी आबादी पाटीदारों की है, जो आदिवासियों से कम हैं. लेकिन, पाटीदार राज्य में सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक तौर पर सबसे सशक्त समूह है.

पाटीदार समाज का राजनीतिक प्रभाव इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2017 के चुनाव में 182 विधानसभा सीटों वाले राज्य में करीब 50 विधायक सिर्फ पाटीदार समुदाय से चुनकर आए. गुजरात के 62 सालों के इतिहास में 17 मुख्यमंत्री हुए और इनमें से 5 मुख्यमंत्री पाटीदार समुदाय से हैं.

वहीं गुजरात में दलित समुदाय की आबादी प्रदेश की कुल आबादी का महज 8 फीसदी है. प्रदेश की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 13 सीटें उनके लिए रिजर्व हैं. हालांकि, दलित समुदाय का प्रभाव इससे कहीं ज्यादा है. राज्य की करीब 25 सीटों पर दलित मतदाता अहम भूमिका में है. गुजरात की जो 13 सीटें रिजर्व है, उन पर दलितों की आबादी 25 फीसदी है और बाकी अन्य 12 सीटों पर 10 फीसदी से ज्यादा हैं.

ADVERTISEMENT

गुजरात में अगर दूसरे समुदायों की हिस्सेदारी की बात करें तो कोली 24%, मुस्लिम  10%, ब्राह्मण 4%, राजपूत 5%, वैश्य 3% और अन्य 17% वोटर्स हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×