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लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है. बिहार में चुनावी गहमागहमी के बीच नेताओं के दल बदलने का कार्यक्रम बदस्तूर जारी है. बीजेपी से नाराज चल रहे सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। साथ ही कहा कि वो किसी भी दल में रहें मगर चुनाव वो पटना साहिब की सीट से ही लड़ेंगे.
इसी बीच बिहार प्रदेश कांग्रेस के इंचार्ज शक्ति सिंह गोहिल ने एलान किया है कि शत्रुघन सिन्हा आगामी 6 अप्रैल को आधिकारिक रूप से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने वाले हैं.
एक समय में बिहार बीजेपी का चेहरा कहे जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा इस बार फिर से पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. इसके लिए उन्होंने अपनी सारी तैयारियां कर रखी हैं. राजधानी पटना के अंतर्गत आने वाले पटना साहिब लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को बीजेपी ने पार्टी विरोधी बयान देने के कारण टिकट नहीं दिया है. इस सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है.
इधर 'बिहारी बाबू' की नजदीकियां लगातार विरोधी दलों खासकर आरजेडी और कांग्रेस के साथ दिख रही हैं. 'शॉटगन' सिन्हा ने कई बार विरोधियों के मंच से पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की है. देश की राजनीती में लम्बे समय से सक्रिय रहे बिहारी बाबू को कांग्रेस ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है.
बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने शत्रुघ्न सिन्हा के पार्टी ज्वाइन करने की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. गोहिल ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि शत्रुघ्न सिन्हा आधिकारिक रूप से 6 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो जायेंगे. शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के कयास कई दिनों से लगाई जा रहे थे. गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात करके बिहारी बाबू ने अपनी मंशा साफ़ करदी जिसके बाद उनके पार्टी में शामिल होने की पुष्टि हो गयी.
बिहार में राजनीतिक दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर आम सहमति बनती नजर नहीं आ रही है. राज्य के सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के घटक दलों के नेता भी लगातार अपनी नाराजगी मेडिया के माध्यम से लोगों के बीच जाहिर कर रहे हैं. साथ ही विपक्षी दलों के महागठबंधन के बीच भी सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मिनिमम आय गारंटी योजना के एलान ने जहां एक और कांग्रेस के नेताओं में नई ऊर्जा का संचार किया है, तो दूसरी और उनके सहयोगी दलों के साथ सीटों के आबंटन को लेकर हो रही खींच-तान को भी जाहिर किया है. एनडीए और महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच मोटा-मोटी सीटों का बंटवारा लगभग फाइनल हो चुका है, मगर कुछ खास सीटों ने दोनों खेमों की सरदर्दी लगातार बानी हुई है.
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Published: 28 Mar 2019,04:23 PM IST