- कैमरा- अभिषेक रंजन
- वीडियो एडिटर- मोहम्मद इरशाद आलम
बीजेपी के ‘नाराज’ सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने ममता बनर्जी की महारैली में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ जमकर बयानबाजी की. सिन्हा ने विपक्षी नेताओं के मंच से प्रधानमंत्री मोदी के लिए 'चौकीदार चोर है' तक कह डाला. इसके बावजूद बीजेपी ने शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया.
आखिर क्या वजह है कि नरेंद्र मोदी जैसे कद्दावर नेता के सामने बगावत का झंडा उठाने के बावजूद एक बीजेपी नेता पार्टी में बना हुआ है और वो भी पूरी ठसक के साथ.
कथा जोर गरम है कि...
‘अगर सच कहना बगावत है, तो समझो हम भी बागी हैं’ कहने वाले सिन्हा को बीजेपी बर्दाश्त क्यों कर रही है? शत्रुघ्न की बीजेपी और पीएम मोदी से नाराजगी कोई नई नहीं है. लेकिन हाल में हुई ममता बनर्जी की महारैली में उनके तेवर नए थे और हमले पहले से कहीं तीखे.
ये ज्यादती है देश के लोगों के साथ. क्या मतलब है अचानक रातोंरात तुगलकी फरमान देते हुए आपने घोषणा कर दी नोटबंदी की.शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी सासंद
शब्दों पर गौर कीजिए- तुगलकी फरमान. यानी शत्रुघ्न सीधे तौर पर आरोप लगा रहे हैं कि पार्टी और सरकार लोगों को यकीन में लिए बगैर पीएम मोदी बड़े फैसले ले रहे हैं. चलिए पीएम मोदी की आलोचना तो वो आड़े-टेढ़े शब्दों में पहले भी कर चुके हैं, लेकिन इस मंच से तो उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ कर डाली और वो भी जमकर.
नोटबंदी से उबर ही नहीं पाए थे कि जीएसटी, जिसे हमारे कांग्रेस के नए अध्यक्ष लेकिन बहुत ही कामयाब अध्यक्ष ने... जिन्होंने अध्यक्षता हासिल करने के एक साल के अंदर तीन-तीन राज्यों में सफलता हासिल करने वाले राहुल गांधी जी ने कहा कि ये गब्बर सिंह टैक्स है.शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी सासंद
बिहारी बाबू ये क्या कर रहे हैं आप? ‘हमारे कांग्रेस के नए अध्यक्ष’. माना कि आप पीएम नरेंद्र मोदी के हमेशा से आलोचक रहे हैं. आप ‘चायवाला’ जैसे शब्दों पर तीर चलाते रहते हैं, लेकिन इस बार तो राफेल के ऊपर सवार होकर आपने वो गोला दाग दिया, जो राहुल गांधी दागते हैं.
मैं ये नहीं कह रहा हूं कि कोई दोषी है. मैं ये भी नहीं कह रहा हूं कि कोई दोषी नहीं है. अगर इस तरह से आप बात दबाने और छुपाने की कोशिश करेंगे, तो देश की जनता कहेगी, वाकई चौकीदार चोर है.शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी सासंद
कई नपे, पर ‘शॉटगन’ बचे
- पीएम मोदी के खिलाफ जंग छेड़ने वाले वरिष्ठ बीजेपी नेता और वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी को बीजेपी ने अक्टूबर 2015 में डिसमिस कर दिया था.
- वाजपेयी सरकार में विदेश और वित्त जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके यशवंत सिन्हा को भी नाराजगी के बाद अप्रैल 2018 में पार्टी छोड़नी पड़ी थी.
- बिहार से सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद को भी अरुण जेटली के खिलाफ बयानबाजी के बाद दिसंबर 2015 में सस्पेंड कर दिया गया था.
लेकिन 'शॉटगन' सिन्हा पिछले पांच साल से पीएम मोदी पर लगातार हमलों के बावजूद पार्टी में बने हुए हैं. आखिर क्यों?
तीन बड़ी वजह ये हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक:
- अगर पार्टी सिन्हा को बर्खास्त कर भी देती है, तो वो सांसद बने रहेंगे. ऐसे में वो और आजाद पंछी हो जाएंगे.
- फिलहाल तो पीएम मोदी को, सरकार को, उसकी नीतियों को संसद के बाहर निशाने पर लेते हैं. फिर संसद के भीतर भी लेंगे.
- बर्खास्त कर दिया, तो वो शहीद की मुद्रा में आ जाएंगे और 2019 के आम चुनाव में पटना साहब की सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के रास्ते की बड़ी दीवार बन जाएंगे.
यानी सिन्हा की बर्खास्तगी में बीजेपी को नुकसान जायदा है. लेकिन इसके बावजूद मोदी जी के मिजाज और तरीकों को जानने वालों को हैरानी है कि शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी में बने हुए हैं.
हालांकि ममता की महारैली में शत्रुघ्न ने जिस तरीके से बार-बार ‘चौकीदार चोर है’ बोला, उसके बाद चर्चा आम है कि अब उनके लिए बीजेपी में बने रहना मुश्किल होगा.
अब बीजेपी शत्रुघ्न सिन्हा के साथ जो सलूक करे, लेकिन बिहारी बाबू का अंदाज देखकर उनकी एक पुरानी फिल्म का डायलॉग याद आ रहा है. जैसे वो बीजेपी आलाकमान को बोल रहे हों- आए तो ‘उससे’ कह देना, छेनू आया था.
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