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पंजाब विधानसभा चुनाव परिणाम (Punjab Assembly Elections Result) में सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में अमृतसर ईस्ट Amritsar East का भी नाम है. यहां पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) का मुकाबला अकाली दिग्गज बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithiya) से था. दो दिग्गजों की इस लड़ाई के बीच AAP से जीवनज्योत कौर और BJP गठबंधन से जगमोहन राजू चुनाव मैदान में थे. लेकिन बड़ा उलटफेर करते हुए आप की उम्मीदवार ने दो दिग्गजों को आउट कर दिया.
सिद्धू पहले बीजेपी में थे. कांग्रेस में आने के बाद उन्होंने कहा था कि वह पैदाइशी कांग्रेस हैं तब बीजेपी को उन्होंने कैकई बताया था. इस बार चुनाव परिणाम के पहले उन्होंने कहा था.
कहा जाता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सिद्धू को कांग्रेस में शामिल किए जाने के पक्ष में नहीं थे. यह तब और थोड़ा स्पष्ट हो गया जब नवंबर 2018 में सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से कहा था "मेरे कप्तान राहुल गांधी हैं, जो उनके (अमरिंदर) भी कप्तान हैं". इसके बाद 2019 में सिद्धू से उनका मंत्रालय छीनकर कैप्टन ने उन्हें पावर मिनिस्ट्री पकड़ाया गया. बाद में सिद्धू ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.
यहीं से कैप्टन व सिद्धू के बीच आर-पार की लड़ाई शुरू हुई. कैप्टन की इच्छा के विपरीत हाईकमान ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंप दी, इसके बाद सिद्धू कैप्टन सरकार पर और आक्रामक हो गए थे. जुलाई 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत के सामने पार्टी आलाकमान को साफ संकेत दे दिया कि सिद्धू ने 'अपमानजनक ट्वीट करके पंजाब कांग्रेस और उनकी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा किया है'. जब तक सिद्धू सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांग लेते कैप्टन ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था.
जब नवजोत सिद्धू BJP में थे तो उनके और बिक्रम मजीठिया के बीच दोस्ती थी. जब 2014 में BJP ने सिद्धू की जगह अरुण जेटली को अमृतसर से टिकट दिया तो सिद्धू ने आरोप लगाया था कि मजीठिया और सुखबीर बादल ने ही उनकी टिकट कटवाई.
यहां से रिश्ते बिगड़े. जब सिद्धू कांग्रेस में आए तो मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस दर्ज करवाने के लिए मुहिम छेड़ दी. अब जब इस बार नवजोत सिद्धू को कांग्रेस ने अमृतसर ईस्ट से उम्मीदवार बनाया तो सिद्धू ने मजीठिया को अमृतसर ईस्ट से लड़ने की चुनौती दी. अकाली पार्टी ने यह चुनौती स्वीकार मजीठिया को अमृतसर ईस्ट पर उतारा.
तब मजीठिया मजीठा सीट से भी चुनाव लड़ रहे थे. सिद्धू ने एक बार फिर ललकारा कि दम है तो एक ही सीट से लड़ें. मजीठिया ने यह चुनौती भी कबूल कर ली. इसके बाद तो यह सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई थी.
इस बार के चुनाव में आम आदमी की प्रत्याशी जीवन जोत कौर ने सिद्धू और मजीठिया को बड़े अंतर से मात दी है. कौर को 39520 वोट मिले, सिद्धू को 32807 मत मिले वहीं शिरोमणि अकाली दल के विक्रम मजीठिया को 25112 वोट मिले. जबकि बीजेपी के जगमोहन सिंह को 7255 मत प्राप्त हुए.
कैप्टन अमरिंदर ने कहा था कि सिद्धू ड्रामा करके लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं. वे भीड़ इकट्ठी कर सकते हैं, लेकिन वोट नहीं ला सकते. लोकसभा चुनाव में सिद्धू को बठिंडा और गुरदासपुर की जिम्मेदारी दी गई थी. दोनों जगह सिद्धू ने प्रचार किया. दोनों ही सीटें कांग्रेस हार गई. सिद्धू हारें या जीतें, मैं उसका विरोध करूंगा. जो एक मिनिस्ट्री नहीं चला पाया, वह पूरा पंजाब क्या चलाएगा?
हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी राबिया जब अपने पिता की विधानसभा क्षेत्र अमृतसर ईस्ट का दौरा करने गई थीं तब उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक पापा जीत नहीं जाते वो शादी नहीं करेंगी. विधानसभा दौरे के दौरान राबिया को मतदाताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी. लोगों ने आरोप लगाया था कि सिद्धू ने चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र का दौरा नहीं किया.
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