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आगामी विधानसभा चुनाव के पहले पंजाब की राजनीति हर रोज सरगर्म हो रही है और करवट भी बदल रही है. दिल्ली के बाद पंजाब में AAP की सरकार बनाने का सपना देख रहे अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जब 23 नवंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की खुलकर तारीफ की थी तो राजनीतिक विश्लेषक उसमें नए समीकरण ढूंढने लगे. लेकिन 6 दिन बाद ही 29 नवंबर को ‘दूसरा’ फेंकते हुए सिद्धू ने केजरीवाल पर ही जम कर निशाना साधा है.
कई बार अपनी सरकार पर ही बैकफायर कर चुके पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने चुनावी वादों को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए नसीहत दे डाली कि शीशे के घरों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए.
अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट्स की झड़ी लगाते हुए सिद्धू ने कैबिनेट में एक भी महिला सदस्य नहीं होने के लिए दिल्ली के सीएम पर निशाना साधा.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का मतलब चुनावी प्रक्रिया के हर चरण में महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करना है जैसा कि पंजाब में कांग्रेस कर रही है.
शिक्षकों के मुद्दे पर नवजोत सिद्धू ने केजरीवाल सरकार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से रिक्त पदों को भरने का आरोप लगाया.
गौरतलब है कि महिलाओं के लिए 1,000 रुपये प्रति माह का वादा करने के अलावा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने हाल के पंजाब दौरे के दौरान अस्थायी शिक्षकों को नियमित करने का भी चुनावी वादा किया था.
एक हफ्ते के भीतर आप पर सिद्धू का यह दूसरा बड़ा हमला है. इससे पहले 24 नवंबर को पंजाब चुनावों से पहले AAP की घोषणाओं को लेकर AAP पर निशाना साधते हुए, सिद्धू ने कहा था कि लोग नीतिगत ढांचे, निश्चित बजट आवंटन और कार्यान्वयन के समर्थन के बिना लोकलुभावन उपायों के शिकार नहीं होंगे.
आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार, 23 नवंबर को नवजोत सिंह सिद्धू की लोक कल्याण के मुद्दों को उठाने के लिए प्रशंसा की थी और दावा किया कि उन्हें वर्तमान और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों, दोनों के दमन का सामना करना पड़ रहा है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सिद्धू लोगों के मुद्दे उठाते रहे हैं, लेकिन पहले कैप्टन साहब और अब चन्नी उन्हें दबाने की कोशिश कर रहे हैं.
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