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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अब तक दो लिस्ट जारी कर चुकी है, जिसमें कुल 76 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है. इसमें एससी के 9, एसटी के 10 और 11 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है.
अब तक सीएम गहलोत समेत 30 में से 21 मंत्रियों को दिया गया टिकट.
अब तक एक सीटिंग विधायक को छोड़कर लगभग सभी को दिया गया टिकट.
पांच निर्दलीय विधायकों को भी टिकट मिला है, जिन्होंने 2020 और 2022 में गहलोत सरकार को गिरने से बचाया था.
राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य को सोजत से टिकट मिला
टिकट वितरण में गहलोत की दिखी छाप.
गहलोत के तीन सबसे वफादार नेता कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ का नाम दोनों लिस्ट में नहीं है.
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (सरदारपुरा), स्पीकर सीपी जोशी (नाथद्वारा), पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (टोंक), बुलाकी दास कल्ला (बीकानेर पश्चिम), गोविंद राम मेघवाल (खाजूवाला), प्रताप सिंह खाचरियावास (सिविल लाइन्स), शकुंतला रावत (बानसूर), विश्वेंद्र सिंह (डीग कुम्हेर), रामलाल जाट (मांडल), भजनलाल जाटव (वैर), परसादी लाल मीना (लालसोट), उदयलाल आंजना (निम्बाहेड़ा) और प्रमोद जैन भाया (अंता), बृजेंद्र सिंह ओला (झुंझुनू), राजेंद्र सिंह यादव (कोटपूतली), मुरारी लाल मीणा (दौसा), सुखराम विश्नोई (सांचोर), अर्जुन सिंह बामनिया (बांसवाड़ा), रघु शर्मा (केकड़ी), उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी (नावां), अमीन कागजी (किशनपोल), रफीक खान (आदर्श नगर), रोहित बोहरा (राजा खेड़ा), राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (लक्ष्मणगढ़), दिव्या मदेरणा (ओसियां), अशोक चांदना (हिंडोली), दानिश अबरार (सवाई माधोपुर), मनीषा पंवार (जोधपुर) और कृष्णा पूनिया (सादुलपुर) को टिकट दिया है.
कांग्रेस ने वर्तमान में बीजेपी के कब्जे वाली सीटों से सात उम्मीदवारों के नाम भी घोषित किए हैं. इनमें से चार में पार्टी ने 2018 के चुनाव में हारे अपने उम्मीदवारों को दोहराया है. नसीम अख्तर इंसाफ को पुष्कर से मैदान में उतारा गया है, जहां वह 2018 में सुरेश सिंह रावत से हार गए थे, पुष्कर लाल डांगी को मावली से मैदान में उतारा गया है, जहां वह धर्मनारायण जोशी से हार गए, रघुवीर सिंह मीना को सलूंबर से मैदान में उतारा गया है, जहां वह अमृत लाल मीना से हारे थे, और नानालाल निनामा को घाटोल से मैदान में उतारा गया है, जहां वह हरेंद्र निनामा से हार गये थे.
अन्य तीन सीटों की बात करें तो पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य को पाली जिले के सोजत से मैदान में उतारा गया है. 2018 में कांग्रेस ने शोभा सोलंकी को मैदान में उतारा था, जो मौजूदा विधायक बीजेपी की शोभा चौहान से हार गई थीं.
सूरतगढ़ में पार्टी ने डूंगर राम गेदर को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2018 में BSP उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे. नोखा में कांग्रेस ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की पत्नी सुशीला डूडी को मैदान में उतारा है, जो 2018 में बीजेपी के बिहारीलाल से हार गईं थीं. कुछ महीने पहले हुए ब्रेन हेमरेज से जूझ रहे रामेश्वर डूडी के ठीक होने के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी को मैदान में उतारा है.
वरिष्ठ पत्रकार विवेक श्रीवास्तव ने कहा, "कांग्रेस की दोनों लिस्ट को देखें तो साफ पता चलता है कि गहलोत की टिकट वितरण में चली है. पायलट के 7-8 नेताओं को छोड़ दें तो लगभग 60 से अधिक टिकट गहलोत के लोगों को गया है."
उन्होंने कहा, " हालांकि, उन नेताओं को भी टिकट दिया गया है जिनके ऊपर भ्रष्टाचार सहित तमाम मामलों के आरोप हैं."
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने टिकट वितरण में जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश की है. हालांकि, गहलोत के जिन तीन करीबी नेताओं को टिकट नहीं दिया गया है, उनको लेकर चर्चा तेज है.
कांग्रेस ने 200 विधानसभा वाली राजस्थान में अब तक कुल 76 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. पहली लिस्ट में जहां उन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गये थे, जहां पार्टी मजबूत है तो वहीं, दूसरी लिस्ट में मंत्री और बड़े विधायकों के नाम शामिल हैं.
सूत्रों की मानें, जल्द ही बाकी बची सीटों पर भी नामों का ऐलान कर दिया जाएगा, लेकिन अभी भी कुछ सीटों पर पेंच फंसा है, जिनके वजह से पार्टी में मंथन चल रहा है.
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