राजस्थान (Rajasthan) की चार राज्यसभा सीटों (Rajyasabha Polls) को लेकर कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) के प्रत्याशियों ने मंगलवार 31 मई को नामांकन भरा. प्रत्याशी पहले पार्टी कार्यालय गए वहां से विधानसभा पहुंच कर नामांकन भरा. वहीं दूसरी तरफ चौथी सीट पर कांग्रेस को वॉकओवर नहीं देने का ऐलान कर चुकी बीजेपी ने इस सीट के लिए अपना समर्थन निर्दलीय तौर पर चुनाव में उतरे हरियाणा से राज्यसभा सांसद सुभाषचन्द्रा को देने का फैसला कर लिया है.
नेताओं की आपसी मुलाकातों का दौर शुरू
सुभाष चंद्रा मंगलवार को बीजेपी की विधायक दल की बैठक में भी शामिल हुए और बाद में उन्होंने नामांकन दाखिल किया. सुभाष चंद्रा के नामांकन पत्र में बीजेपी विधायकों के हस्ताक्षर हैं
नामांकन से पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ भी लंबी चर्चा की. सुभाष चन्द्रा के मैदान में उतरने के बाद राजस्थान में राज्यसभा की चौथी सीट के लिए मुकाबला दिलचस्प हो गया है.बीजेपी की तरफ से मुख्य प्रत्याशी घनश्याम तिवारी रहेंगे.
बीजेपी के पास अपने एक प्रत्याशी को जीताने के बाद भी 30 अतिरिक्त वोट हैं.
दूसरी तरफ कांग्रेस के तीन उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाल, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी ने भी नामांकन भर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीनों प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि ये तीन प्रत्याशी केंद्र में राज्य के मुद्दे पुरजोर तरीके से उठाएंगे. खासतौर पर ईआरसीपी की केंद्र से मांग करेंगे.
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को कांग्रेस का राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं. पार्टी की ओर से राजस्थान से तीन वरिष्ठ नेताओं को राज्यसभा के लिए चुना गया है. मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर सोमवार शाम को विधायकों के साथ चर्चा भी की. चर्चा में कई निर्दलीय विधायक भी पहुंचे. इस दौरान तीन प्रत्याशी भी मौजूद रहें.
कांग्रेस तीनों सीटों को जीतने का दांवा कर रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने तीनों प्रत्याशियों को लेकर वोट की वरीयता में प्रमोद तिवारी को तीसरे नंबर पर रखा जाएगा। पार्टी की पहली और दूसरी वरीयता में सुरजेवाला और वासनिक रहेंगे.
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि,
"हम एक सीट पर जीत रहे हैं. दूसरी सीट पर पिछली बार की तरह कैंडिडेट को चुनाव लड़ाएंगे. इसके लिए निर्दलीय और दूसरी पार्टियों के विधायकों से बात चल रही है."बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "सरकार का समर्थन अलग बात है और राज्यसभा में मतदान अलग चीज है. अब यह सही समय है सरकार के खिलाफ आक्रोश को मतदान के रूप में जताएं लोकतांत्रिक रूप में उनको यह करना चाहिए. ये परिपाटी हमने शुरू नहीं की है. इंदिरा गांधी के समय भी अंतर्रात्मा की आवाज पर फैसले होते थे. राजस्थान में भी यह हो जाए तो क्या हर्ज है."
बीजेपी राज्यसभा चुनाव में एकजुट दिखने का भी प्रयास कर रही है. बीजेपी प्रत्याशी बनाए गए घनश्याम तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घर जाकर उनसे मुलाकात की. बताया जा रहा है कि बीजेपी इन दोनों नेताओं की मुलाकात से एकजुटता का संदेश देना चाहती है. खास बात यह कि तिवारी वसुंधरा राजे से मिलने उसी बंगले में पहुंचे जिसे खाली करवाने के लिए वह लम्बे अर्से तक आंदोलन करते रहे.
प्रदेश में चलेगा फिर से बाड़बंदी, जोड़- तोड़ का खेल
राजस्थान में आने वाले राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर से विधायकों की बाड़े बंदी और जोड़-तोड़ का लंबा खेल खेला जा सकता है. इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों खेमों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में विधायकों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस 2 पर तो बीजेपी एक सीट पर सेफ है. लेकिन दोनों पार्टियों ने चौथी सीट की जुगत बैठाना शुरू कर दिया है.
हालांकि बीजेपी ने 2020 में तीन राज्यसभा सीटों के चुनाव में भी इसी तरह की कोशिश की थी. लेकिन चुनाव में कांग्रेस को दो सीट पर 123 और बीजेपी को 74 विधायकों के वोट मिले थे. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल को 64 वोट, नीरज डांगी को 59 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के राजेन्द्र गहलोत को 54 वोट और ओंकार सिंह लखावत को 20 वोट मिले थे. साथ ही बीजेपी का एक वोट रिजेक्ट हो गया, 2 मतदाता अनुपस्थित थे. इस हिसाब से दोनों पार्टियों की ताकत कांग्रेस के पास 125 और बीजेपी के पास 75 वोटों की दिखाई दी थी.
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