अलीगढ़ का चुनावी ताला कैसे खोल पाई BJP, क्यों न लगी SP-RLD की चाबी? जानिए कारण
अलीगढ़ शहर, कोल, खैर, इगलास, छर्रा, अतरौली और बरौली सीटों पर बीजेपी की जीत.
क्विंट हिंदी
उत्तर प्रदेश चुनाव
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अलीगढ़ की सभी 7 सीटों पर बीजेपी जीती
फोटो : Altered by Quint
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यूपी विधानसभा चुनाव (UP Chunav 2022) के नतीजों ने अपना जनादेश दे दिया है. तालों के शहर अलीगढ़ ने भी अपना मैंडेट सुना दिया है. यहां से बीजेपी ने SP-RLD के गठबंधन को मात देते हुए सभी 7 सीटों पर दोबारा कमल खिलाया है.
अलीगढ़ में 7 विधानसभा की सीटें हैं. इनमें अलीगढ़ शहर, कोल, खैर, इगलास, छर्रा, अतरौली और बरौली सीटें हैं. हालांकि, जिले की 3 सीटों (अलीगढ़ शहर, कोल, और छर्रा) पर SP-RLD के गठबंधन ने BJP को कड़ी टक्कर दी, लेकिन वो जीत का परिणाम नहीं पा सकीं.
अलीगढ़ की सभी 7 सीटों की स्थिति पर एक नजर
अलीगढ़ शहर
बीजेपी- मुक्ता राजा- 1,20,389 वोट
एसपी- जफर आलम- 1,07,603 वोट
बीएसपी- रजिया खान- 18,273 वोट
कांग्रेस- सलमान इम्तियाज- 2292 वोट
अलीगढ़ शहर सीट से जफर आलम ने 21वें राउंड से बढ़त बनानी शुरू की, तब उनके 98,180 वोट थे. बीजेपी प्रत्याशी मुक्ता राजा के 70,463 वोट थे. अगले कुछ राउंड तक यह सिलसिला जारी रहा, लेकिन फिर आगे ना बढ़ सके. 29वें राउंड तक बीजेपी प्रत्याशी मुक्ता राजा ने 1,20,389 वोट हासिल कर एसपी प्रत्याशी जफ़र आलम को 12,786 वोटों से मात दे दी.
कोल विधानसभा
बीजेपी- अनिल पाराशर- 1,08,067 वोट
एसपी- अज्जू इश्हाक- 1,03,039 वोट
बीएसपी- मोहम्मद बिलाल- 23,016 वोट
कांग्रेस- विवेक बंसल- 15550 वोट
कोल सीट पर एसपी प्रत्याशी अज्जू इश्हाक ने बीजेपी प्रत्याशी अनिल पराशर को कड़ी टक्कर दी. 12वें राउंड तक अज्जू ने बढ़त बनाये रखी, लेकिन उसके बाद पलड़ा अनिल पराशर की ओर झुकता चला गया और 31वें राउंड तक 1,08,067 वोट हासिल कर 5,028 वोटों से अज्जू इश्हाक को शिकस्त दे दी.
इस सीट पर बीजेपी के संदीप कुमार सिंह ने जीत दर्ज की है. यहां से उन्होंने एसपी के उम्मीदवार विरेश यादव को 39,324 वोटों के अंतर से हरा दिया.
छर्रा विधानसभा
बीजेपी- रवेंद्र पाल सिंह- 1,10,987 वोट
एसपी- लक्ष्मी धनगर- 86,963 वोट
बीएसपी- तिलकराज- 37,539 वोट
कांग्रेस- अखिलेश कुमार- 1,789 वोट
एसपी की छर्रा विधानसभा से लक्ष्मी धनगर को टिकट देकर सातों सीटों पर पिछड़ा वर्ग का वोट बटोरने की रणनीति काम ना आ सकी. लक्ष्मी धनगर अंत तक कड़े मुकाबले में रहीं. छठे राउंड में उन्होंने बढ़त बना ली थी. बीजेपी प्रत्याशी रवेंद्र पाल सिंह दूसरे नंबर पर आ गए थे. उसके बाद एक दूसरे को आगे पीछे करते हुए 31वें राउंड तक बीजेपी प्रत्याशी रवेंद्र पाल सिंह ने 1,10,987 वोट पाकर लक्ष्मी धनगर को 24,024 वोटों से मात दे दी. छर्रा सीट से लक्ष्मी धनगर भले ही चुनाव हार गईं. लेकिन, वोट प्रतिशत बढ़ा है. साल 2012 के चुनाव में एसपी प्रत्याशी राकेश सिंह 4150 वोट पाकर जीते थे. साल 2017 के चुनाव में उन्हें 54,604 वोट मिले और हार गए. लक्ष्मी धनगर को 86,477 वोट मिले हैं.
RLD का प्रदर्शन नहीं रहा अच्छा, SP ने कड़ी टक्कर दी
अब हम आपको बताते हैं वह कारण जिससे अलीगढ़ की राजनीति का ताला एक झटके में खोलने में बीजेपी सफल रही. असल में बीजेपी ने सातों सीटों पर दो नाम बदलकर 2017 के 5 प्रत्याशियों पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा था. वहीं, समाजवादी पार्टी, RLD के साथ गठबंधन कर चुनावी रण में उतरीं. गठबंधन धर्म के मुताबिक चार सीट पर एसपी और तीन सीट पर RLD के प्रत्याशी बनाए गए. SP ने छर्रा को छोड़ बाकी 3 सीटों पर अपने पुराने प्रत्याशी ही उतारे. वहीं, RLD ने इगलास से वीरपाल दिवाकर को खैर से पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी को और बरौली से पूर्व विधायक प्रमोद गॉड को मैदान में उतारा. लेकिन, ये RLD ये तीनों ही उम्मीदवार फिसड्डी निकले और चुनाव कोई गुल नहीं खिला सके और बीजेपी की चाबी अलीगढ़ के ताले में फिट बैठ गई.