Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Uttar pradesh election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कासगंज की कसक: 53 साल बाद PM की आमद और जातियां साधकर भी BJP नहीं जीती पटियाली

कासगंज की कसक: 53 साल बाद PM की आमद और जातियां साधकर भी BJP नहीं जीती पटियाली

कासंगज सदर और अमांपुर सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है, जबकि पटियाली सीट पर एसपी ने कब्जा किया है.

क्विंट हिंदी
उत्तर प्रदेश चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>कासगंज में बीजेपी ने जीते दो सीट, पटियाली सीट पर&nbsp; एसपी का कब्जा</p></div>
i

कासगंज में बीजेपी ने जीते दो सीट, पटियाली सीट पर  एसपी का कब्जा

फोटो : Altered by Quint

advertisement

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के नतीजे आ गए हैं. बीजेपी दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बना रही है. ऐसे में हम आपको यूपी के हर जिले में वहां के लोकल विश्लेषण और जीतने के कारणों से अवगत करा रहे हैं. इसी कड़ी में आज हम कासगंज जिले की स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं. कासगंज जिले में तीन विधानसभा सीटें आती हैं. पटियाली, कासगंज सदर और अमांपुर. इन तीनों सीटों में से बीजेपी को दो सीटें मिली हैं, जब की एक सीट पर एसपी की साइकिल दौड़ी है.

कासगंज की पटियाली सीट इस चुनाव में खास चर्चा का विषय रही. इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी को लेकर लोगों में काफी नाराजगी थी. इस नाराजगी को भरने के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी दोनों ने जनसभाएं कींं. बावजूद बीजेपी उम्मीदवार ममतेश शाक्य चुनाव हार गए. पूरे यूपी में जहां मोदी मैजिक चला वहीं, पटियाली में फुस्स हो गया. यहां से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नादिर सुल्तान ने जीत हासिल की है.

कासगंज जिले की सभी 3 विधानसभा सीटों की स्थिति

कासगंज सदर

बीजेपी- देवेंद्र राजपूत- 123099 वोट

एसपी- मानपाल सिंह- 76485 वोट

बीएसपी- मोहम्मद आरिफ- 22936 वोट

कांग्रेस- कुलदीप कुमार- 5945 वोट

इस सीट पर बीजेपी के देवेंद्र राजपूत ने जीत दर्ज की है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मानपाल सिंह 46,614 वोटों के अंतर से हराया है.

अमांपुर

बीजेपी- हरिओम वर्मा- 95973 वोट

एसपी- सत्यभान शाक्य- 52700 वोट

बीएसपी- सुभाष चंद्र- 35227 वोट

कांग्रेस- दिव्या शर्मा- 1337 वोट

इस सीट से बीजेपी के हरिओम वर्मा ने जीत दर्ज की है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सत्यभान शाक्य को 43,273 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है.

पटियाली

एसपी- नादिरा सुल्तान- 91438 वोट

बीजेपी- ममतेश शाक्य- 87436 वोट

बीएसपी- नीरज किशोर मिश्रा- 30449 वोट

कांग्रेस- इमरान अली- 1242 वोट

इस सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नादिरा सुल्तान ने जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी के ममतेश शाक्य को 4,002 वोटों के अंतर से हराया है. इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ममतेश शाक्य के समर्थन में पीएम मोदी और सीएम योगी दोनों ने जनसभाएं की थी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

चुनावी परिणामों का विश्लेषण

कासगंंज में दो सीटों पर बीजेपी की जीत में वहीं जादू चला है जिसने पूरे यूपी में काम किया है, यानी मोदी मैजिक.पर पटियाली सीट पर यह जादू काम नहीं कर सका. चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने पटियाली आकर रैली को संबोधित किया था. मोदी के आगमन के साथ ही यहां एक बड़ा रिकॉर्ड बना. कासगंज की धरती पर किसी पीएम का 53 साल बाद कोई दौरा था. इससे पहले 1969 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा गांधी पीएम पद पर रहते हुए कासगंंज के दौरे पर पहुंची थीं. उनके आने से जो फिजां बनी उसने यहां और आसपास के जिलों में काफी माहौल बनाया था, पर इसी सीट पर यह काम नहीं आया.

जिस पटियाली विधानसभा सीट से बीजेपी हारी है, उस सीट पर अल्पसंख्यक वोट निर्णायक भूमिका में हमेशा से रहा है. बावजूद साल 2017 में यहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी. लेकिन, इस बार पटियाली सीट पर बीजेपी 4002 वोटों से हार गई. इसका कारण वहां का जातीय समीकरण उसके पक्ष में न होना ही है. मुस्लिम समुदाय के वोट के बाद ठाकुर,जाटव, शाक्य, यादव, ब्राह्मण, बघेल, तेली, लोधी राजपूत और अन्य वर्ग वोटर भी इस पर हैं. इन जातियों को बीजेपी ने भरपूर साधा, पर इस सीट केा नहीं जीत पाई.

कासगंज सदर सीट पर कुल 3.45 लाख मतदाता हैं. इनमें सबसे अधिक 70 हजार के आसपास लोध राजपूत, 47 हजार दलित, 40 हजार यादव, करीब 35 हजार के आसपास मुस्‍लिम मतदाता शामिल हैं. बीजेपी ने यहां दलित और लोध राजपूत के वोटों को अच्छे से साध लिया इससे जीत में मदद मिली.

कासगंज ने यूपी को दिए दो मुख्यमंत्री

साल 1993 (जब कासगंज और एटा एक हुआ करता था) में निधौलीकलां विधानसभा क्षेत्र से मुलायम सिंह यादव ने चुनाव लड़ा था. उस समय उन्हें 41683 वोट मिले थे. मुलायम के नजदीकी प्रतिद्वंदी रहे बीजेपी से चुनाव लड़ रहे सुधाकर वर्मा को 34620 वोट मिले थे. उसी समय 1993 में कासगंज सदर से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह चुनाव लड़े थे. हालांकि, जब कल्याण सिंह एटा लोकसभा से सांसद बने थे, तो मुलायम सिंह ने कल्याण सिंह को अपना समर्थन दे दिया था और वो खुद चुनाव नहीं लड़े थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT