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UP Election 2022: मिर्जापुर के हिंदू और मुसलमान दोनों एक बात से परेशान

UP Election 2022: मिर्जापुर में पीतल की चमक गायब हो रही है और इसी तरह से कालीन के कामगरों के चेहरों की रौनक भी

मेघनाद बोस & नमन शाह
उत्तर प्रदेश चुनाव
Updated:
<div class="paragraphs"><p>UP Election 2022: Mirzapur</p></div>
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UP Election 2022: Mirzapur

Photo -The Quint 

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मिर्जापुर (Mirzapur) उत्तर प्रदेश में पीतल के बर्तन और कालीन के लिए मशहूर है. लेकिन इन दिनों यहां दोनों ही कारोबार काफी धीमे चल रहे हैं. यहां यूपी चुनावों के आखिरी चरण में मतदान होना है. मिर्जापुर में पीतल की चमक गायब हो रही है और इसी तरह से कालीन के कामगरों के चेहरों की रौनक भी. दोनों ही कारोबारों से जुड़े यहां के हिन्दू और मुसलमानों की चिंताएं एक समान हैं. बढ़ती बेरोजगारी और खत्म होते उद्योग. क्विंट ने मिर्जापुर के कई व्यापारियों और कामगरों से बात की है और उनकी चिंताएं जानने और समझने की कोशिश की है.

मिर्जापुर के पीतल विक्रेताओं ने बताया कि मिर्जापुर से पीतल की चमक खत्म हो रही है,और कामगारों के चेहरे की रौनक.पीतल के प्रति मंहगाई का रूझान कम हो रहा है. पीतल विक्रेता विकास शर्मा ने बताया कि हमारे यहां कोई पीतल का इस्ट्रीयल एरिया नहीं है. पहले 10 से 15 हजार मजदूर थे लेकिन अब ये संख्या 5 हजार हो गई है. हर दिन यह आंकड़ा कम हो रहा है.

मिर्जापुर से कालीन -पीतल की चमक खत्म

मिर्जापुर दो उद्योगों के लिए मशहूर है,पहली पीतल और दूसरा कालीन. दोनों उद्योगों के लोगों का कहना है कि मिर्जापुर में इनकी चमक खत्म हो रही है. पूर्व कालीन शिल्पकार अली मोहम्मद ने बताया कि पहले कालीन का व्यापार काफी चलता था लेकिन अब तो इसका कोई नाम नहीं है. उन्होंने बताया कि पहले कालीन से अच्छी कमाई होती थी लेकिन अब बहुत कम है.

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मिर्जापुर में दो समुदाय है, और दोनों की एक ही राय है कि मिर्जापुर से पीतल और कालीन की चमक खत्म हो चुकी है.

पीतन के कारोबार करने वालों से जब क्विंट ने पूछा कि जब पीतल का कारोबार नहीं चल रहा है, तो आपने कोई अन्य काम क्यों शुरू नहीं किया. इसके जवाब में मिर्जापुर के पीतल कारीगर ने बताया कि हमने यहीं काम सीखा है, दूसरा काम सीखे होते, तो वही करते.

वहीं, दूसरी ओर मिर्जापुर के पीतल उद्योग के खत्म होने के कारण मिर्जापुर के अजय वर्मा दूसरे काम की तलाश में हैं. उन्होंने बताया कि 4 महीने काम चलता है और 8 महीने काम बंद रहता है.

मिर्जापुर के कई युवाओं का कहना है कि मिर्जापुर में बेरोजगारी बहुत है. कोई पिछले एक साल से बैठा हुआ है,तो कोई फल की दुकान चला रहा है.युवाओं ने बताया कि बाजार डाउन होने के कारण लोग उन्हें काम जॉब नहीं दे रहे हैं.

मिर्जापुर के युवाओं ने बताया कि जिस दिन हिंदू-मुस्लिम मुद्दा खत्म हो जाएगा, उस दिन अपने आप ही लोगों को रोजगार मिलने लग जाएगा.

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Published: 06 Mar 2022,08:19 PM IST

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