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ये जो यूपी है ना! (Yeh Jo Up Hai Na!) अब यहां तीसरे चरण के लिए सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. 20 फरवरी को 59 सीटों पर मतदान है. जिन जिलों में वोट डाले जाने हैं उनमें से कई जगहों को यादव लैंड कहते हैं. लेकिन साल 2017 के चुनाव में यादवलैंड पर भी मोदी की लहर भारी पड़ी थी. अबकी बार अखिलेश यादव भी चुनावी मैदान में हैं. चाचा शिवपाल जसवंतनगर से लड़ रहे हैं. ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है. तो चलिए फिर समझते हैं कि यहां चुनावी समीकरण क्या बन रहे हैं.
साल 2012 के चुनाव में जिन 16 जिलों में वोटिंग हो रही है ये यादवों का गढ़ था. तब समाजवादी पार्टी ने 59 में से 37 सीटें जीत ली थी, दूसरे नंबर पर 10 सीटों के साथ बीएसपी थी. बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की और कांग्रेस की झोली में तीन सीटे थी.
अब 2017 के नतीजे सुनिए तब बीजेपी ने 59 सीटों में 49 सीटें जीतीं थी. एसपी 37 से घटकर सीधे 8 सीटों पर आ गई थी. बीएसपी के खाते में 1 सीट आई और कांग्रेस भी बीएसपी के बराबर एक सीट पर आ पाई.
लेकिन इस बार पार्टियों का क्या हाल है, मुस्लिम वोटर का कोई प्रभाव है या नहीं और अखिलेश के प्रचार के लिए मुलायम सिंह को क्यों उतरना पड़ा. सुनिए इस पॉडकास्ट में.
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