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क्या उत्तराखंड में कुछ ऐसा होने जा रहा है जो आजतक नहीं हुआ. सत्तारूढ़ पार्टी की वापसी. क्लीयर कट तो नहीं लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे ऐसा ही आभास दे रहे हैं.
सभी पोल्स के एवरेज निकालने पर बीजेपी को उत्तराखंड में 35 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं उसकी निकट प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को उससे तीन सीटें कम यानी कि 32 सीटें मिल रही हैं. इसके अलावा AAP काे 1 सीट और दो सीटें अन्य को भी मिल रही हैं.
इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के सर्वे में बीजेपी को 36-46 और कांग्रेस को 20-30 तक सीटें मिलती दिख रही हैं.
एबीपी न्यूज-सीवोटर (ABP News-CVoter) के एग्जिट पोल में बीजेपी को 26 से 32 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. वहीं कांग्रेस को 32 से 38 और आम आदमी पार्टी को 0-2 तक सीटें मिल रही हैं.
इंडिया टीवी-सीएनएक्स के एग्जिट पोल में बीजेपी को 35 से 43 सीटें मिल रही हैं, वहीं कांग्रेस को 24 से 32 सीटें मिल रही है और आम आदमी पार्टी का खाता खुलता नजर नहीं आ रहा है.
न्यूज 18 -पी-मारक्यू (News 18) के सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 35 से 39 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. कांग्रेस को 28 से 34 सीटें मिल रही हैं. जबकि आम आदमी पार्टी को 0-3 सीटें मिल रही हैं.
न्यूज 24 के एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 43 सीटें, कांग्रेस को 24 सीटें मिल रही हैं. आम आदमी पार्टी उनके सर्वे में शून्य है.
रिपब्लिक टीवी के मुताबिक बीजेपी को 35 से 39 सीटें, कांग्रेस को 28 से 34 सीटें और आम आदमी पार्टी को 0 से 3 तक सीटें मिल रही हैं.
टाइम्स नाऊ वीटो के एग्जिट पोल में बीजेपी को 37, कांग्रेस को 31 और आम आदमी पार्टी एक सीट मिल रही है.
उत्तराखंड में सारे सियासी पंडित कांग्रेस को कुर्सी और हरिश रावत को सीएम बना रहे थे लेकिन एग्जिट पोल नतीजों की मानें तो मामला इतना क्लीयर नहीं है. एग्जिट पोल नतीजों का निचोड़ है कि उत्तराखंड में कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर है लेकिन फिर भी पलड़ा बीजेपी का भारी है. राज्य में बहुमत का जादुई आंकड़ा 36 है और सारे एग्जिट पोल नतीजों का औसत निकालें तो बीजेपी को 35 सीटें मिलती दिख रही हैं. उधर कांग्रेस को 32 सीटें मिलती दिख रही हैं. यहां अन्य को 2 और आम आदमी पार्टी को एक सीट मिलती दिख रही है. उत्तराखंड में जो होता दिख रहा है उसका मतलब क्या है. आठ प्वाइंट में समझिए...
1. बीजेपी ने सीएम बदल कर एंटी इनकम्बैंसी का नुकसान कम कर लिया
2. राज्य में कोई पार्टी दूसरी बार सत्ता में लौट रही है
3. कोविड महामारी के दौरान मिस मैनेजमेंट की शिकायतें धरी की धरी रह गईं
4. हरिश रावत ने कड़ा मुकाबला तो दिया लेकिन कहीं न कहीं पार्टी के अंदर लड़ाई झगड़े ने थोड़ी सी कसर बाकी रख दी. पार्टी ने हरिश रावत को लंबे समय तक पंजाब में खपाए रखा. हो सकता है वो उत्तराखंड पर उतना समय नहीं दे पाए.
5.पीएम मोदी की लोकप्रियता पहाड़ में काम आई
6. बूथ लेवल पर बीजेपी का काम...काम आ गया
7. राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा फौजियों के राज्य में कारगर साबित हुआ
8. अभी डेटा देखा नहीं है लेकिन हो सकता है कि आम आदमी पार्टी ने एंटी बीजेपी वोट काट दिया...यही काम हो सकता है बीएसपी ने किया हो, खासकर तौर पर हरिद्वार जिले में.
तो हुए उत्तराखंड एग्जिट पोल नतीजों के आठ मायने जो हम समझ पा रहे हैं लेकिन याद रखिएगा. ये सिर्फ अनुमान पर निकले अंदाजे हैं...असली रिजल्ट 10 मार्च को तो पूरी एनालिसिस 10 को ही..
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