advertisement
विवादों में फंसी संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. फिल्म के मेकर्स ने सेंसर बोर्ड से अपील की थी कि 'पद्मावती' को सर्टिफिकेट देने के प्रक्रिया जल्द पूरी हो, लेकिन बोर्ड ने इस पर अपना रूख साफ कर दिया. बोर्ड ने मेकर्स की इस अपील को खारिज करते हुए कहा कि फिल्म को रिव्यू किया जाएगा और तय मानकों के हिसाब से प्रक्रिया पूरी होगी. बोर्ड ने यह भी कहा कि क्रम के मुताबिक ही सारी एप्लीकेशन पर काम किया जाएगा.
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी फिल्म 'पद्मावती' को सर्टिफिकेट मिले बिना ही 'पद्मावती' की चुनिंदा लोगों को इसकी स्क्रीनिंग करने से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि ये एक अवसरवादी उदाहरण स्थापित करता है और फिल्म सर्टिफिकेट के मौजूदा मानदंड को खत्म करने की कोशिश करता है. प्रसून ने कहा, "यह निराशाजनक है कि सेंसर बोर्ड से प्रमाणित हुए बिना ही फिल्म 'पद्मावती' की स्क्रीनिंग मीडिया के लिए की जा रही है और राष्ट्रीय चैनलों पर इसकी समीक्षा की जा रही है. यह सिस्टम और संतुलन की भूमिका के साथ समझौता है, जो एक कार्यशील उद्योग का हिस्सा है."
'पद्मावती' को लेकर चल रहे विवाद के बीच फिल्म के निर्माता वायकॉम18 ने कहा कि उसने फिल्म रिलीज की तारीख खुद ही टाल दी है. अब ये विरोध की वजह से है या कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से ये बात अभी तक साफ नहीं हो सकी है.
पद्मावती फिल्म पर विरोध लगातार जारी है. इससे पहले रविवार को दिल्ली में भी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक कई जगहों पर करणी सेना समेत कई राजपूत और हिंदू संगठनों इस फिल्म का विरोध किया था.
शनिवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी फिल्म रिलीज को रोकने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से अनुरोध किया था. उन्होंने फिल्म के प्लॉट को जांचने के लिए एक कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है.
यह भी पढ़ें:
‘पद्मावती’ का विवाद सुलझाओ, फिर इसे पास कराओ:सेंसर बोर्ड की दो-टूक
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)