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आमिर से शाहरुख तक, बॉलीवुड के दिग्गजों पर क्यों लग रहा ‘कलंक’?

करण की फिल्म कलंक लोगों को नहीं आई पसंद

स्मिता चंद
बॉलीवुड
Updated:
बॉक्स ऑफिस पर कलंक फ्लॉप
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बॉक्स ऑफिस पर कलंक फ्लॉप
(फोटो: क्विंट)

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करण जौहर की ड्रीम प्रोजेक्ट मल्टीस्टारर फिल्म ‘कलंक’ फ्लॉप हो गई है. इतनी बड़ी स्टारकास्ट 150 करोड़ का बजट इसके बावजूद फिल्म का ऐसा हाल ये फिल्म इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा झटका है. इससे पहले आमिर खान और अमिताभ बच्चन की फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तां भी पिट चुकी है. करीब 250 करोड़ रुपये के बजट से बनी ये फिल्म बॉलीवुड की सबसे महंगी फिल्मों में बताई जा रही थी, लेकिन इसका ऐसा अंजाम हुआ कि मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान के करियर की सबसे बड़ी फ्लॉप साबित हुई.

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आखिर ये फिल्में क्यों फ्लॉप हुईं, इस पर जाने माने फिल्म क्रिटिक्स अजय ब्रहमात्ज बताते हैं-

‘कलंक’ और ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’ ऐसी फिल्में थी, जिसमें कंटेंट नहीं था. बड़े स्टार की वजह से पहले दिन का शो तो अच्छा चल जाता है, लेकिन जब लोगों को फिल्म में कहानी नजर नहीं आती तो वो उसे नकार देते हैं. आमिर खान की फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’ को पहले दिन 52 करोड़ की ओपनिंग मिली, आमिर और अमिताभ के नाम पर लोग थिएटर तो पहुंचे, लेकिन जैसे ही फिल्म का कंटेंट देखा इसे नकार दिया और ये फिल्म बड़ी फ्लॉप साबित हुई. कलंक और ठग्स ऑफ हिंदोस्तां जैसी फिल्में  फिल्म मेकर्स के लिए सबक है कि किसी बहाव में आकर फिल्में ना बनाएं. 
‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’ को दर्शकों ने नकारा(फिल्म पोस्टर)

करण जौहर की फिल्म कलंक को लेकर भी खूब चर्चा थी, एक तरफ वरुण-आलिया, सोनाक्षी-आदित्य रॉय कपूर की जोड़ी और दूसरी तरफ 90 के दशक की सुपरहिट जोड़ी माधुरी दीक्षित और संजय दत्त का साथ आना, खूबसूरत सेट पर पानी की तरह बहाया गया पैसा, लेकिन सब बेकार यानी कहानी नहीं तो दर्शक नहीं बनेगा मूर्ख. अब ये बात फिल्म मेकर्स को समझ जाना चाहिए, क्योंकि बड़े स्टार और महंगे सेट को देखकर फिल्में देखता होता तो बधाई हो, अंधाधुन और स्त्री जैसी फिल्में हिट नहीं होतीं.

फिल्म क्रिटिक्स अजय ब्रहमात्ज बताते हैं-

फर्स्ट शो स्टार के लिए चलता है, लेकिन दूसरा शो फिल्म की कहानी पर चलती है.  कलंक और ठग्स ऑफ हिंदोस्तां दोनों फिल्मों की स्क्रिप्ट बेहद कमजोर थीं, दोनों फिल्में पीरियड है, लेकिन चलताऊ कहानी लोगों को पसंद नहीं आई, कहानी में आपका उदेश्य क्या है ये समझ नहीं आता तो लोग नकार देते हैं. 

कलंक के साथ सबसे बड़ी ट्रैजडी तो ये हुई कि मेकर्स ने इस फिल्म को बुधवार को ही रिलीज कर दिया. आमतौर पर फिल्में शुक्रवार को ही रिलीज होती हैं, या फिर किसी फेस्टिवल पर, लेकिन 17 अप्रैल को ना ही कोई बड़ा त्योहार था और ना ही शुक्रवार, ऐसे में मेकर्स ने कोशिश तो की थी पूरे 5 दिन का फायदा उठाने की, लेकिन इससे उस जग हंसाई ज्यादा हो गई.

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कलंक में ना तो माधुरी को मोहक मुस्कान काम आई, ना आलिया वरुण की केमिस्ट्री. और करण के करियर पर कलंक ने दाग लगा दिया.

आजकल के दर्शकों को फिल्म में बढ़िया कंटेंट भी चाहिए. अगर कंटेट नहीं होगा, तो कोई क्यों मल्टीप्लैक्स में जाकर अपने 3 घंटे बर्बाद करेगा. पिछले साल छोटे बजट की कई ऐसे फिल्में आईं, जिसमें कोई बड़ा स्टार नहीं था, फिर भी उन फिल्मों को लोगों ने देखा और बॉक्स ऑफिस पर भी वो फिल्में चलीं. ‘अंधाधुन’, ‘बधाई हो’ और स्त्री को लोगों ने हाथों हाथ लिया और फिल्म हिट हुई.

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अंधाधुन की बंपर कमाई(फोटो: ट्विटर)

आज नेटफ्लिक्स, अमैजन प्राइम जैसे तमाम ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, जहां एक से एक शोज आते हैं, जब आज दर्शकों के पास तमाम इंटरटेनमेंट के साधन मौजूद है तो भला कोई क्यों बेकार की फिल्मों में टाइम खराब करेगा.

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Published: 28 Apr 2019,09:36 AM IST

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