advertisement
हैंडसम चेहरा, स्टाइलिश लुक, माचो बॉडी, बेजोड़ एक्टर, बेमिसाल डांसर- ये चंद खूबियां हैं जो ऋतिक रोशन को डिफाइन करते हैं. ऋतिक की सम्मोहक शख्सियत में जो आकर्षण है, वही उन्हें ‘बॉलीवुड का ग्रीक गॉड' बनाती है.
एक वक्त पर शाहरुख खान का कम्पीटिशन कहे जाने वाले ऋतिक रोशन का फिल्मी करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. एक ओर उन्होंने ‘जोधा-अकबर’ और ‘अग्निपथ’ जैसी शानदार फिल्में दीं, तो वहीं ‘काइट्स’ और ‘गुजारिश’ जैसी फिल्में भी की, जो बॉक्स ऑफिस पर जादू चलाने में नाकामयाब रहीं. लेकिन इसके बावजूद फैन्स में उनका जादू और क्रेज बरकरार है.
आज ऋतिक रोशन अपना 46वां बर्थडे मना रहे हैं. इस मौके पर देखिए उनके सबसे यादगार रोल-
ऋतिक रोशन को आज भी उनकी डेब्यू फिल्म 'कहो ना... प्यार है' के लिए जाना जाता है. इस रोमांटिक-ड्रामा-थ्रिलर में ऋतिक ने अपनी एक्टिंग से जान डाल दी थी. उनके डांस स्टाइल को भी ऑडियंस ने खूब पसंद किया था. इस फिल्म की रिलीज के बाद वे रातोंरात स्टार बन गए थे.
इस फिल्म में ऋतिक ने शरीर से लाचार जादूगर का रोल प्ले किया था, जो कोर्ट में इच्छामृत्यु की याचिका डालता है. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट नहीं हुई थी, लेकिन ऋतिक के काम की काफी तारीफ हुई थी.
इस एक्शन-रोमांटिक फिल्म में ऋतिक रोशन के एक्शन की तो खूब तारीफ हुई, लेकिन उनकी एक्टिंग को कोई खास रिव्यू नहीं मिले थे. मगर फिर भी 'राजवीर नंदा' का रोल फैन्स को पसंद आ गया.
ऋतिक के करियर में ये फिल्म मील का पत्थर साबित हुई थी. मानसिक रूप से कमजोर रोहित मेहरा के रोल में उन्होंने अपनी एक्टिंग से जान डाल दी थी. इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.
ऋतिक का एक किरदार जो फैन्स के बीच काफी मशहूर है, वो है जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का किरदार.
बड़े परदे पर इंडिया को पहला सुपरहीरो देने का क्रेडिट भी ऋतिक को ही जाता है. भले ये सुपरहीरो हॉलीवुड के सुपरहीरो के मुकाबले थोड़ा कम था, लेकिन फिर भी उन्हें काफी पसंद किया गया.
अमिताभ बच्चन के कदमों पर चलते हुए ऋतिक इस फिल्म में यंग और एंग्री विजय दीनानाथ चौहान बने थे. इस एक ही फिल्म में रोमांस से लेकर गुस्से तक, ऋतिक ने सभी इमोशंस दिखा दिए थे.
‘जिंदगी में क्या करना है?’ इस सवाल से परेशान एक यंगस्टर से लेकर भारतीय सेना में एक जिम्मेदार जवान के रोल में ऋतिक एकदम फिट बैठे थे.
‘फिजा’ और ‘मिशन कश्मीर’ के बाद ऋतिक इस फिल्म में भी नेगेटिव किरदार में थे और एक बार फिर उन्हें काफी पसंद किया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)