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क्या हिंदुत्व की दवा को सिनेमा में घोलकर पिलाने की हो रही कोशिश ?

2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से ठीक पहले तीन ऐसी फिल्में आ रही हैं, जो आपको देंगी हिंदुत्व का तगड़ा डोज

मुकेश बौड़ाई
सिनेमा
Updated:
तीनों फिल्में जनवरी में होंगी रिलीज
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तीनों फिल्में जनवरी में होंगी रिलीज
(फोटो: Twitter)

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'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर', 'उरी'  और 'ठाकरे' इन तीन बॉलीवुड फिल्मों में एक बात कॉमन है. ज्यादा दिमाग लगाए बगैर ही अंदाज लग जाएगा कि तीनों  फिल्मों का टार्गेट बॉक्स ऑफिस नहीं 2019 का चुनाव ऑफिस है.

तीनों फिल्मों में राष्ट्रवाद, राज्यवाद और हिंदुत्व का तड़का है जो सिनेमा में घोलकर दर्शकों के गले के नीचे उतारने की कोशिश है. तीनों फिल्में 2019 के चुनाव के पहले और चुनाव को बीच में रिलीज होंगी.

'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' : कांग्रेस सरकार पर ‘वार’

'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' ये बताने की कोशिश है कि कैसे मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की वजह से परेशान होना पड़ा. इसका पूरा कंटेंट राजनीतिक है. यहां तक कि मनमोहन सिंह का रोल करने वाले अनुपम खेर भी बीजेपी समर्थकों में माने जाते हैं.

‘उरी’: सर्जिकल स्ट्राइक की कहानी

उरी फिल्म उस  सर्जिकल स्ट्राइक के आसपास है जिसे पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अपनी उपलब्धि के तौर पर दिखाते रहे हैं. जाहिर है इसमें बीजेपी और सरकार का महिमामंडन देखने को मिल सकता है. उसे  'उरी' के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

'ठाकरे' : हिंदुत्ववाद का डोज

'ठाकरे' फिल्म के प्रोड्यूसर और स्क्रिप्ट राइटर संजय राउत हैं जो शिवसेना के राज्यसभा सांसद हैं. जाहिर है फिल्म में शिवसेना की विचारधारा और हिंदुत्ववादी सोच को बाल ठाकरे के जरिए पेश किया जाएगा. महाराष्ट्र में 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों हैं.

2019 के आम चुनावों से पहले इन फिल्मों के रिलीज होने पर कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी की इमेज बनाने और कांग्रेस की इमेज धूमिल करने के लिए इन फिल्मों को जानबूझकर इस वक्त रिलीज किया जा रहा है. विपक्ष इसे मुद्दों से भटकाने की एक कोशिश बता रहा है. 

बीजेपी की दिलचस्पी

‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के ट्रेलर को बीजेपी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से रिट्वीट होने के बाद मामला पूरी तरह राजनीतिक हो गया है. यह इसलिए हैरान करने वाला है, क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया. इस फिल्म से इतनी दिलचस्पी क्यों है बीजेपी को इससे तो यही लगता है कि बीजेपी को इससे पहले कोई बॉलीवुड फिल्म पसंद ही नहीं आई. कांग्रेस के मुताबिक फिल्म पूरी तरह प्रोपेगेंडा है.

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2019 से पहले 'हिंदुत्व का तड़का'

फिल्मकार भले इनकार करे, लेकिन इस बार आम चुनावों से पहले सिनेमा हिंदुत्व का तड़का लगाने जा रहा है.  2019 में लोकसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में शुरू हो जाएंगे और फिल्मों के रिलीज की तारीख देखिए:

  • 11 जनवरी को ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ आएगी.
  • 11 जनवरी को ही उरी रिलीज होगी
  • 23 जनवरी को बाल ठाकरे पर बनी फिल्म 'ठाकरे' रिलीज होगी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

फिल्म में निशाना कांग्रेस

‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में यूपीए सरकार की इमेज नेगेटिव दिखाई गई है. हालांकि निर्माताओं के मुताबिक उनकी यह फिल्म मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब पर बनी है, इसे किसी भी राजनैतिक पार्टी को फायदा देने के लिए नहीं बनाया गया है.

फिल्मों का मकसद बीजेपी को फायदा पहुंचाना?

बीजेपी ने इस ट्रेलर को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर कर बता दिया कि फिल्म किस हद तक उन्हें फायदा पहुंचा सकती है. एक पॉलिटिकल पार्टी किसी फिल्म को इतना खुलकर प्रमोट करे तो साफ लगता है कि उसे फायदा होने वाला है. बीजेपी के ट्विटर पर करीब करोड़ से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं, ऐसे में बड़ी आसानी से लाखों लोगों तक राजनीतिक मैसेज पहुंचाने में बीजेपी कामयाब रही. बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल पर न सिर्फ इस फिल्म को शेयर किया, बल्कि फिल्म की रिलीजिंग डेट बताकर लोगों को इसे देखने के लिए भी कहा.

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Published: 28 Dec 2018,03:51 PM IST

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