advertisement
महाराष्ट्र सरकार और कंगना रनौत के बीच विवाद सुलझता नहीं नजर आ रहा है. अब एक बार फिर कंगना रनौत ने सामने आकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र सरकार के लिए एक मैसेज जारी किया है. कंगना ने अपने इस वीडियो मैसेज में उद्धव ठाकरे का नाम लेते हुए उन पर आरोप लगाया कि उद्धव ने उन्हें अपने भाषण के दौरान गाली दी. साथ ही कंगना ने कहा कि उन्हें पहले भी इस तरह की कई अभद्र गालियां और धमकियां मिल चुकी हैं.
कंगना रनौत ने एक बार फिर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर हमलावर होते हुए ये भी दावा कर दिया कि महाराष्ट्र की जनता उनसे खुश नहीं है. कंगना ने अपने वीडियो मैसेज में कहा,
कंगना ने आगे मुंबई की तुलना पीओके से करने वाले अपने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि, चीफ मिनिस्टर आप मुझसे बहुत नाराज हुए थे जब मैंने मुंबई की तुलना पीओके से की थी, क्योंकि वहां पर आजाद कश्मीर के नारे लगे थे. इसके बाद संविधान को बचाने वाले उछलकर आए थे. लेकिन कल आपने अपने भाषण में भारतवर्ष की तुलना पाकिस्तान से की. अब वो संविधान वाले नहीं आएंगे, क्योंकि अब उनके मुंह में कोई पैसा नहीं ठूस रहा है.
कंगना ने सीएम उद्धव ठाकरे से कहा कि सत्ताएं आती जाती हैं, आप सिर्फ एक गर्वमेंट सर्वेंट हैं. महाराष्ट्र के लोग आपसे खुश नहीं हैं. जो इंसान एक बार सम्मान खो देता है वो उसे नहीं पा सकता है.
बता दें कि कंगना रनौत ने सबसे पहले महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें मुंबई आने पर हमले की धमकियां दी जा रही हैं. इसके बाद उन्होंने चुनौती दी थी कि जो करना है वो करके दिखाए. इसी हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने कंगना को सुरक्षा भी दे दी. लेकिन इसके बाद कंगना के ऑफिस को बीएमसी ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया. इस घटना पर भी कई दिनों तक कंगना ने खूब ट्वीट किए और बवाल हुआ. फिलहाल मामला कोर्ट में है.
लेकिन इसी बीच कंगना की बयानबाजी को लेकर उनके खिलाफ कोर्ट ने एफआईआर करने के भी निर्देश दिए. पहले कर्नाटक की कोर्ट ने किसानों के मुद्दे पर किए गए एक ट्वीट को लेकर कंगना के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए, वहीं इसके बाद मुंबई की एक कोर्ट ने भी कंगना के खिलाफ एफआईआर की बात कही. इसके बाद कंगना और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ मुंबई के बांद्रा थाने में राजद्रोह समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया जा चुका है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)